शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब मरो
खबर नेशन /Khabar Nation
मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम घोषित हो गए हैं । भारतीय जनता पार्टी एक नए सिरे से आकलन कर रही है ।आकलन का तरीका भी बड़ा अजीब है ।विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले चंद मतों पर इतराते हुए मध्य प्रदेश के मतदाताओं को बता रही है कि कांग्रेस ने कोई ज्यादा मत प्राप्त नहीं किए हैं। यह स्थिति तब है ,जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बाहर हो गई है ।भाजपा के प्रवक्ता गण इस बात को स्वीकारने तैयार नहीं है कि उन्हें जनता ने नकार दिया है । गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा में से 114 पर कांग्रेस और 109 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए हैं । दोनों ही राजनीतिक दलों के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है ।बसपा,सपा और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन सरकार की दशा और दिशा तय कर सकता है। कमलनाथ ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने हेतु मध्य प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर समय मांगा है तो देर रात भाजपा ने भी सरकार बनाने के दावा करने से देरी नहीं की है । राजनीतिक हालात दिलचस्प है और मतों का अंतर भाजपा को इठलाने का मौका दे रहे हैं। मप्र में कांग्रेस को 114 व भाजपा को 109 सीट प्राप्त हुई हैं। किन्तु ताकीद रहे भाजपा को कुल 46000 ज्यादा मतदाताओं ने वोट किया है।
भाजपा - 15642000 वोट लगभग
कांग्रेस - 15596000 वोट लगभग
कम मतों के बाद भी कांग्रेस सरकार बनाने के नजदीक इसलिए है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी गलतियों को नजरंदाज करने की आदत डाल रखी है । लोकतंत्र में जीत जीत होती है।भले ही जनता ने भाजपा को ज्यादा मत दिए हो लेकिन सरकार बनाने का आंकड़ा 116 हैं जो हाल फिलहाल भाजपा को दूसरे नंबर पर रखता है। सबसे बड़ा दल कांग्रेस है और यह अब राज्यपाल के विवेक पर तय करता है कि वे किसे सरकार बनाने बुलाती है। भाजपा का आकलन पार्टी फोरम के लिहाज से तो ठीक है पर लोकतंत्र को प्रभावित करने के लिहाज से अनुचित । अगर शर्म हो तो डूब मरो !