‘’शिवराज जी’’ आपको ऐसा नहीं लगता कि सत्रह साल काफी होते हैं एक मुख्यमंत्री को?
गौरव चतुर्वेदी/खबर नेशन/Khabar Nation
उक्त शीर्षक पढकर बिल्कुल भी चौंकिएगा नहीं वरन मनन और चितंन कीजिए कि एक सहज,सरल,संवेदनशील मुख्यमंत्री के कामकाज में कहां कमी हो रही है।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विगत सत्रह साल से इस पद पर हैं क्या इतना वक्त काफी नहीं होता?
कल मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया को एयर लिफ्ट कर दिल्ली रैफर किया गया। श्री सिसौदिया भोपाल के एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। 29 जुलाई को सिसौदिया गुना जिले में दौरे पर थे। तेज बुखार की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। श्री सिसौदिया को उचित इलाज मिले यह आवश्यक है लेकिन यहां सवाल है कि आखिर दिल्ली-मुम्बई या बैंगलूरू क्यों? अखिर मध्यप्रदेश में ऐसी चिकित्सा सुविधा क्यों उपलब्ध नहीं हो पा रही है? जबकि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के ऊपर भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है। यही नहीं प्रदेश की जनता को बेहतर इलाज मिलें इसके लिए भी मुख्यमंत्री शिवराज जबरदस्त तरीके से संवेदनशील है।
आम जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य स्वैच्छानुदान के तहत करौड़ों रूपए की राशि निजी अस्पतालों को मुहैया कराई जा रही है। जिनमें छोटे से लेकर प्रदेश के कई नामी गिरामी अस्पताल शामिल हैं।
भारत सरकार की आयुष्मान योजना के तहत भी करोड़ों रूपए की राशि निजी और सरकारी अस्पतालों पर खर्च की जा रही है। इसके बाद भी मध्यप्रदेश में एक ऐसा अस्पताल सत्रह सालों में तैयार नहीं हो पाया जिसके चलते किसी भी व्यक्ति को मुंबई, बैंगलोर, दिल्ली, चेन्नई का मुंह ताकना पड़ें। कहने को मध्यप्रदेश में संभागीय मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा भी निजी मेडिकल कॉलेज की श्रंखला है। इसी के साथ ही देश के नामी गिरामी चिकित्सा संस्थान हैं जिन्हें सरकारी जमीन कौड़ियों के मोल दी गई है। पर यहां की सुविधाओं को देख लिया जाए तो बेहतर इलाज का आभाव है। सरकार और प्रशासन सामान्य परिस्थितियों में ही इलाज करवा पाने की हैसियत में ही है।
इस और सरकार को गंभीरता पूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता है।