अनसुलझे सवाल ? पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की मौत के बहाने ?

 

आखिर चार घंटे क्यों छुपाई गई मृत्यु ?
कहीं व्यापम की अहम कड़ी को तो रास्ते से नहीं हटाया गया ?
हनीट्रैप कांड़ में उलझाने वालों को मंत्री क्यों बनाया गया ?
गौरव चतुर्वेदी /ख़बर नेशन /Khabar Nation

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की मौत कई अनसुलझे सवालों को भी खड़ा कर गई है । अगर हालिया राजनीतिक हालात और लक्ष्मीकांत शर्मा की मौत की कड़ियों को जोड़कर देखा जाए तो संदेह प्रबल हो जाता है ।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को 2013 के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद व्यापम कांड़ में गिरफ्तार कर लिया गया । व्यवहार से मृदुभाषी शर्मा अपनी बेगुनाही को लेकर चीखते रहे लेकिन लक्ष्मीकांत शर्मा को जुबां बंद करने के लिए मजबूर कर दिया गया । व्यापम कांड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह और चिरायु अस्पताल के संचालक डॉक्टर अजय गोयनका का भी नाम उछला था।
 उस दौरान भोपाल जेल में लक्ष्मीकांत शर्मा से खबर नेशन के इस संवाददाता की मुलाकात भी हुई। उन्होंने बताया था कि वे एक आत्मकथा रुपी किताब लिखने की तैयारी कर रहे हैं । उस दौरान उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल किया तो उन्होंने संदेह भी व्यक्त किया था कि उन्हें कुछ स्लोपॉयजन जैसा देने का प्रयास किया जा रहा है ।
बाद में वे जेल से रिहा भी हुए लेकिन व्यापम कांड़ के दागदार होने के चलते उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया गया । 
लक्ष्मीकांत शर्मा की जगह उनके भाई उमाकांत शर्मा को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया ।
जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद लक्ष्मीकांत शर्मा भोपाल के रिवेरा टाऊन स्थित मकान में रहने लगे । 
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय उजागर हुए हनीट्रैप कांड़ के आरोपियों से जब्त की गई एक सी डी से भारतीय राजनीति में तूफान खड़ा हो गया । लक्ष्मीकांत शर्मा एक सीडी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जबरदस्त विष वमन करते नजर आए । यह मामला इंदौर के सांध्य दैनिक संझा लोकस्वामी ने उजागर किया था । सूत्रों के अनुसार लक्ष्मीकांत शर्मा उक्त सीडी में हनीट्रैप कांड़ की प्रमुख आरोपी श्वेता जैन के साथ चर्चा कर रहे थे । सरकारी रिकॉर्ड में श्वेता स्वप्निल जैन रिवेरा टाउन स्थित लक्ष्मीकांत शर्मा के मकान के बगल में किराए से रहती थी । श्वेता जैन जिस मकान में किराए से रह रही थी वह मकान मध्यप्रदेश के वर्तमान खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह का है। जिसे मध्यप्रदेश के वर्तमान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के कहने पर दिया गया था। हांलांकि पुलिस जांच में इस बात को दबा दिया गया। 
आखिर पुलिस जांच में इस तथ्य को क्यों दबाया गया ? 
आखिर विश्वास सारंग और बृजेन्द्र प्रताप सिंह को मंत्री क्यों बनाया गया ?
हाल ही में लक्ष्मीकांत शर्मा को कोविड संक्रमण के चलते भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिरायु अस्पताल के संचालक डॉक्टर अजय गोयनका से पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के मधुर संबंध थे । डॉक्टर गोयनका भी व्यापम कांड़ में संदेहास्पद रहे हैैं । आज लक्ष्मीकांत शर्मा की मृत्यु हो गई । सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि श्री शर्मा के कुछ परिजन उनका इलाज इंदौर के बांबे अस्पताल में कराना चाहते थे।   गौरतलब है कि व्यापम कांड़ के बाद चिरायु अस्पताल को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता कोष एवं अन्य मदों से मरीजों के इलाज के लिए भारी राशि आवंटित की गई है। कोरोना काल में सर्वाधिक राशि चिरायु को ही जारी की गई है । विगत वर्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कोरोना से पीड़ित होकर अपना इलाज चिरायु में करवा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री निवास में चिरायु के संचालक डॉक्टर अजय गोयनका का बेरोकटोक आना जाना है ।
संदेह की वजह एक और है । पश्चिम बंगाल चुनाव के पूर्व से ही राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बंगाल चुनाव परिणाम के बाद मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो सकता है । संभावित दावेदार के तौर पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय , गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा , केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सहित भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के नाम प्रमुख हैं । विगत दो दिनों से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भोपाल के दौरे पर थे और आज दोपहर तीन बजे दिल्ली रवाना हुए हैं । इंदौर में रेमेडिसिवर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर विजयवर्गीय ने तीखे तेवरों का इस्तेमाल किया था और व्यक्तिगत तौर पर किल्लत को दूर करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बावजूद इंदौर प्रशासन ने विजयवर्गीय को तव्वजो नहीं दी। विजयवर्गीय और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की मुलाकात ने तो राजनीतिक सरगर्मियां भी बड़ा दी। सूत्रों के अनुसार लक्ष्मीकांत शर्मा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अहम दस्तावेज केन्द्रीय नेताओं को सौंप सकते थे ।

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