महिला बाल विकास में किराए के नाम पर लाखो की हेरा फेरी


शहर के सभी आंगनवाडी केंद्र,किराए के भवनो में हो रहे संचालित
गंजबासोदा से ओमप्रकाश/आयुष चौरसिया
गंज बासोदा:- शहर के 24 बाडो मैं 40 आंगनबाड़ी केंद्र है और सभी आंगनवाडी केंद्र किराए के भवनों में संचालित है, जिसके कारण न तो बच्चों के लिए भवन में बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक भी उपलब्ध नहीं हो पाती है ! वही एक बात और समझ से परे है कि आखिरकार इतने वर्षो में अभी तक आंगनवाड़ी केंद्रों को भवन क्यों नहीं मिल सके ! जबकि शासन सर्वाधिक पैसा इस विभाग में खर्च करता है !
शासन आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या तो बड़ा रही है लेकिन केंद्रों के लिए भवन उपलब्ध नहीं करा पा रही है, जिसकी आड मे विभागीय कर्मचारियों द्वारा  किराए के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है !  प्राप्त जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी भवनो का किराया तो कम रहता है और उसके नाम पर दोगुना  तीनगुना किराया शासन से बसूला जा रहा है ! और यह जानकारी भी मिली है कि वही किराया मकान मालिकों को महिनो समय पर नहीं दिया जाता है, जिससे कि वह परेशान रहते हैं और आगे जाकर अपना भवन खाली करा लेते हैं ! पूर्व में ऐसे कई प्रकरण समय-समय पर विभाग के पास आते रहे हैं !
महिला बाल विकास से मिली जानकारी के मुताबिक एक भवन का किराया ₹700 से लेकर 2500₹ तक किराया दिया जा रहा है ! परंतु आंगनवाड़ी भवन की हालत इतनी ख़राब है कि बच्चे ठीक से बैठ भी नहीं पाते है ! सुविधा के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है ! आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भवन के हिसाब से बच्चों को बैठाने की व्यवस्था करनी पड़ती है ! कहीं-कहीं तो बच्चे अधिक होते हैं और जगह कम होने की वजह से परेशानी बनी रहती है !
शासन द्वारा हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है व उसके नाम पर पैसा दिया जाता है ! परंतु विभाग में हर सुविधा और व्यवस्था के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है ! और कहा जाता है कि यह पैसा ऊपर तक देना पड़ता है ! ऐसी जानकारी मिली है कि अधिकारीयो द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मनमाने ढ़ंग से कार्य करवाया जाता है,और उनका दोहन किया जा रहा है ! और जो कार्यकर्ता उनकी बात नहीं मानते उन्हें इतना दवा का रखा जाता है कि वह अपनी बात तक नहीं बोल सकते है ! और जो कार्यकर्ता बोलने की कोशिश करते हैं, उन कार्यकर्ता को परेशान किया जाता है ! कुछ समय पहले भी आंगनबाड़ी  कार्यकर्ताओं से पैसा लेने का मामला अखबारों की सुर्खियों में ओर वीडियो वायरल हुआ था !   परंतु भ्रष्टाचार के चलते भ्रष्ट अधिकारियों ने उस भ्रष्ट महिला अधिकारी पर कार्यवाही ना करते हुए उसे वचाने का प्रयास करते हुए, उसे यथावत उसी जगह  पदस्थ रखा गया है ! और वरिष्ठ अधिकारीयो- कर्मचारियों से मिलकर मामला रफा दफा कर, दबा दिया गया !और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दबाकर उन पर कार्यवाही की धमकी देकर चुप करा दिया गया ! अब यह हालत है कि अधिकारी दिन भर बैठे अपना टाइमपास करने के लिए, मोबाइल चलाते रहते हैं ! सिर्फ एक ही मकसद है, किस तरह कहां से किसी भी तरह से पैसा वसूला जाये !

 

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