राजगढ़-मतदाताओं से दूर कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी 

रोडमल दस साल में नहीं दिखे तो दिग्विजय 33 साल से नदारद 

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन/ Khabar Nation 

 

भारतीय जनता पार्टी के पंचिंग बैग या स्टार प्रचारक हैं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह। इन दिनों मध्यप्रदेश की राजगढ़ लोकसभा पर मजरे - टोले , बाड़े -पूर्वा नापने पर मजबूर हैं। सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रोडमल नागर हैं। नागर दो बार से लोकसभा सदस्य हैं। भाजपा ने तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है। दोनों में एक बात की समानता है। दोनों ही जनता से दूर रहे हैं।रोडमल नागर दस साल में मतदाताओं को नहीं दिखे तो दिग्विजय 33 साल से क्षेत्र से नदारद रहे। 

दिग्विजय के पक्ष में एक ही खूबी है कि वे भारतीय राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। सबसे बड़ी कमी दिग्विजय की विवादास्पद बयानों से आम जनता के बीच की छवि रही है। जिसे उन्होंने कम बनाया भाजपा ने ज्यादा चर्चित कर दिया है। हालांकि दिग्विजय सिंह राजगढ़ के मतदाताओं से 33 साल दूर रहे हैं। जिसे वे मंच से यह कहते हुए स्वीकार रहे हैं कि 2003 में मध्यप्रदेश से कांग्रेस सरकार जाने के बाद उन्होंने चुनाव ना लड़ने और पद ना लेने का संकल्प लिया था। बाद में कांग्रेस उन्हें राज्यसभा से भेजती रही और अन्य राज्यों में जबाबदारी देती रही। जिसके चलते वे क्षेत्र में सतत संपर्क नहीं रख पाए। पिछला चुनाव तबके मुख्यमंत्री कमलनाथ के कहने पर भोपाल से लड़ा। चुनाव हारा लेकिन चुनौतियां स्वीकार करता हूं। फिर से मेरी घर वापसी हुई है अब आपको साथ देना हैं। इस दौरान वे अपनी 33 साल की दूरी का जिक्र जरूर करते हैं।

दिग्विजय भले ही क्षेत्र से दूर रहे हों लेकिन उनके भाई लक्ष्मण सिंह और पुत्र जयवर्धन सिंह क्षेत्र से लगातार जुड़े रहे। विगत विधानसभा चुनाव लक्ष्मण सिंह हार गए थे, जयवर्धन जरुर चुनाव जीत गए।

दिग्विजय सिंह के चुनाव के सारथी बने जयवर्धन सिंह मंच से जनता से पूछते हैं कि आप रोडमल नागर से मिले या नहीं ? उन्हें पहचानते हो या नहीं ? वह आपके क्षेत्र में आए या नहीं ?

जहां जनता ना में हाथ हिलाते हुए जवाब देती है।

भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर क्षेत्र में एंटीइंकंबेंसी का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस सहित भाजपा कार्यकर्ता उन पर क्षेत्र में सक्रिय ना रहने का आरोप लगा रहे हैं। क्षेत्र से दूरी को लेकर कार्यकर्ताओं में रोडमल नागर के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। रोडमल नागर की सबसे बड़ी ताकत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गारंटी है। थोड़ा बहुत लाभ लाडली बहना का मिल सकता है।

दिग्विजय सिंह मंच से अपने मुख्यमंत्री काल में किए गए कार्यों की गिनती करवा रहे हैं। इसी के साथ खबर नेशन की टीम को क्षेत्रीय जनता बताती है कि रोडमल नागर ना तो जनता से परिचय रखते हैं और ना ही कार्यकर्ताओं से कुछ गांव के लोगों ने बताया कि हमने विधानसभा में तो बीजेपी को वोट दिया पर लोकसभा में राजा को वोट देंगे ।

जनता से पूछने पर जवाब मिला कि भले ही दिग्विजय सिंह हमसे 33 साल से दूर हैं पर जयवर्धन और लक्ष्मण सिंह हमारे बीच ही रहते हैं।

 रोडमल नागर के पास अपने 10 साल की उपलब्धियां का को बताने का कोई बड़ा उदाहरण नहीं है वहीं दिग्विजय सिंह अपने किए गए कामों को जनता के बीच गिना रहे हैं

गली मोहल्लों कस्बों में जब खबर नेशन की टीम पहुंची तो भाजपा द्वारा यह चुनाव दिग्विजय सिंह वर्सेस मोदी बनाते दिखाई दिया

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