खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के इंकार पर प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से करवाया प्रभारी संचालक का आदेश

 

खनिज साधन विभाग में मलाई हड़पने 3 दिन में बांट दिए दो संचालक को प्रभार

 गौरव चतुर्वेदी /खबर नेशन /Khabar Nation

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने खनिज साधन विभाग में संचालक का एक प्रभार दूसरे संचालक से छीनकर अपने विवादित प्रिय पात्र को सौंप दिया। आश्चर्यजनक और मजेदार बात यह रही कि संचालक के रिक्त पद पर 3 दिन पहले ही कार्यालय प्रमुख को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था । गौरतलब है कि भौमिकी तथा खनिकर्म संचालक विनीत कुमार आस्टिन की राजधानी भोपाल के एक होटल में हृदयाघात से मृत्यु हो जाने के कारण पद रिक्त था । मृत्यु को लेकर भी काफी विवादित चर्चाएं विभाग में हो रही हैं । 

पद सृजित-भर्ती नियम बने नहीं

 हाल ही में लगभग डेढ़ 2 माह पूर्व नवंबर माह में कैबिनेट बैठक में भौमिकी तथा खनिकर्म संचालनालय में संचालक के 2 पदों की मंजूरी दी गई थी।  कयास लगाए जा रहे थे कि इनमें से एक पद पर किसी आईएएस की नियुक्ति की जाएगी । संचालक के नवीन पदों को लेकर मंत्रालय में भर्ती नियम बनाए जा रहे हैं । जिसकी अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है । 

  विनीत आस्टिन की मृत्यु

विनीत कुमार आस्टिन लंबे समय से भौमिकी तथा खनिज विभाग में संचालक के पद पर आसीन थे और आने वाले कई वर्षों तक भी उनके बने रहने की संभावना थी । जिसके चलते खनिज साधन विभाग में दो फाड़ हो गए थे।  सारी लड़ाई विभाग की मलाई को लेकर थी । जिसका हिस्सा राजनीतिक और प्रशासनिक शिखर तक निर्बाध गति से सुरक्षित रूप से पहुंचता था।  

कमलनाथ ने हटाया, शिवराज ने बनाया , फाईल चोरी

कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विनीत कुमार आस्टिन को संचालक के पद से हटाकर खनिज साधन विभाग मंत्रालय में पदस्थ कर दिया था। आस्टिन ने वहां पर लंबे समय तक ज्वाइनिंग नहीं दी।  हटाए जाने के कुछ दिन बाद ही मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बन गए। चौहान के कार्यभार संभालते ही कुछ दिन बाद देर रात एक आदेश में विनीत कुमार आस्टिन का तबादला निरस्त कर दिया गया । आस्टिन के तबादला निरस्त होने का आदेश तो जारी हुआ लेकिन तबादला आदेश की फाइल गायब कर दी गई । इस फाइल को मुख्यमंत्री सचिवालय में मौखिक तौर पर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए लेकिन यह फाइल आज तक मुख्यमंत्री सचिवालय तक नहीं पहुंच पाई।  गौरतलब है कि तबादला निरस्त होने के दौरान खनिज साधन विभाग में मंत्री नियुक्त नहीं किया गया था । यह विभाग उन दिनों मुख्यमंत्री के पास था।  सूचना के अधिकार में भी इससे संबंधित दस्तावेज मांगे गए। विभाग यही कह रहा है कि नस्ती उपलब्ध नहीं है।  नस्ती पर हस्ताक्षर करने वालों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कराया जाना चाहिए था जो अभी तक दर्ज नहीं कराया गया है । विभाग में इस फाइल को गायब करने को लेकर दबी छुपी जुबान में अपर सचिव राकेश कुमार श्रीवास्तव की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है । अब इसी अधिकारी को अवैधानिक तौर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने प्रभार सौंप दिया।  

   श्री आस्टिन की 21 जनवरी 2022 को भोपाल की होटल में संदेहास्पद परिस्थितियों में हो गई।  जिसके बाद 28 जनवरी को भौमिकी तथा खनिकर्म संचालनालय में पदस्थ कार्यालय प्रमुख एसके शिवानी को अतिरिक्त प्रभार संचालक (तकनीकी) तथा संचालक (प्रशासन एवं खनिकर्म) सौंपा गया था। यह आदेश खनिज साधन विभाग के उप सचिव द्वारा जारी किया गया था । ठीक तीसरे दिन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के हस्ताक्षरित आदेश से खनिज साधन विभाग के अपर सचिव राकेश कुमार श्रीवास्तव को वर्तमान कर्तव्यों के साथ संचालक (प्रशासन एवं खनिकर्म) का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया। सवाल है कि जब खनिज साधन विभाग में 28 जनवरी 2021 को संचालक खनिकर्म तथा भौमिकी संचालनालय के अतिरिक्त प्रभार का आदेश जारी किया था। तो 3 दिन में ऐसी क्या आफत आ गई कि दूसरा आदेश मुख्य सचिव को जारी करना पड़ा ।

खनिज मंत्री प्रमुख सचिव में तनातनी

यह खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और विभागीय प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह के बीच तनातनी की वजह तो नहीं । सूत्रों के अनुसार प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग सुखबीर सिंह द्वारा मंत्री को भेजे गए प्रस्ताव में राकेश श्रीवास्तव को अतिरिक्त प्रभार सौंपने का अनुशंसा की गई थी।  जिसे मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह द्वारा आपत्ति जताकर वापस लौटा दिया गया था ।

मुख्य सचिव का खौफ या मुख्य सचिव अंधेरे में

सवाल यह भी है कि क्या विभागीय प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह द्वारा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को इस मामले में संपूर्ण जानकारी नहीं दी गई या फिर इकबाल सिंह बैंस के खौफ में सुखबीर सिंह रहे ।

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