लाल सिंह आर्य : बेटर या चुनावी च्वाइस ?

 

कहीं बसपा के डैमेज कंट्रोल को भरने का प्रयास तो नहीं भाजपा का
खबर नेशन / Khabar Nation

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी आज घोषित हो गई । चौंकाने वाले नाम के तौर पर मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य का नाम रहा । आर्य को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है । आर्य योग्य है लेकिन उन्हें अपनी योग्यता आगामी उपचुनाव में 28 सीटों पर दिखाना होगी।आर्य को संगठनिक कार्यो में महारत हासिल है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के भाजपा का दामन थाम लेने के बाद मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार तो बन गई । लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता की अग्निपरीक्षा का वक्त आ गया । 28 में से 16 सीटें चंबल इलाके की हैं । भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का राजनैतिक गणित बिगाड़ने बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में कूद पड़ी है । मध्यप्रदेश के चुनावी इतिहास में यह पहला मौका है जब इतनी ज्यादा संख्या में विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है । यह भी उपचुनाव के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि बसपा भी उपचुनाव के मैदान में उतरे कूद पड़ी है । राजनैतिक हलकों में माना जा रहा था कि बसपा के मैदान में रहने से कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को फायदा होगा । चुनावी इतिहास को देखें तो ग्वालियर चंबल इलाके में बसपा ने अपना जनाधार बनाये रखा है और भाजपा कांग्रेस को कई सीटों पर बराबर बराबर नुकसान पहुंचाया है । पिछले चुनाव में तो कुछ सीटों पर भाजपा को तीसरे स्थान पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ गया । वर्तमान में ग्वालियर चंबल में सिंधिया परिवार और उनके समर्थकों के खिलाफ आक्रोश क्षेत्र की जनता ने व्यक्त किया है। उस आक्रोश ने भाजपा के पैरों तले जमीन खिसका दी है । आर्य की नियुक्ति संभवतः इसी डैमैज कंट्रोल के लिहाज से की गई है । आर्य ग्वालियर चंबल इलाके के गोहद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं । और राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि आर्य उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।

क्योंकि मध्यप्रदेश के उपचुनाव परिणाम आने वाले समय में देश की दशा और दिशा सिद्ध करने वाले साबित होंगे ।

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और समाज सेवी डॉ राकेश पाठक के अनुसार गुदड़ी के लाल हैंलालसिंह आर्य..।

oकंपाउंडर से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का सफ़र
o भिंड की माटी का लाल अब बीजेपी का बड़ा चेहरा

भिंड की माटी के लाल और हमारे मित्र बीजेपी नेता लाल सिंह आर्य पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं।
लाल सिंह भिंड से राष्ट्रीय स्तर तक का पहुंचने वाले विरले नेताओं में शुमार हो गए हैं।

लाल सिंह के पिता कारीगर थे और उनका बचपन से युवावस्था का सफ़र संघर्ष से भरा रहा।

पढ़ाई के बाद ही दिल्ली पुलिस में नौकरी के लिये परीक्षा दी,पास भी हो गए लेकिन नौकरी पर गए नहीं। बाद में एक डॉक्टर की क्लीनिक पर कंपाउंडर का काम किया।

लाल सिंह लंबे समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में रहे। फिर भाजपा में आकर सक्रिय राजनीति की राह पकड़ी तो गोहद से विधायक बने और मप्र में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। 
अब वे बीजेपी का राष्ट्रीय स्तर पर पढा लिखा ,बड़ा दलित चेहरा हैं।

अस्सी के दशक के आख़िरी सालों में लाल सिंह भिंड के जैन कॉलेज में ग्रेजुएशन फाइनल में पढ़ते थे और हम एम जे एस कॉलेज में एमए में।
अंर्तमहाविद्यालयीन वाद विवाद स्पर्धाओं में हमारा और लाल सिंह का कई बार मुकाबला होता था।
उस दौर में भिंड की छात्र राजनीति में हमने मिलकर  have आंदोलन छेड़े थे
आज भी याद है कि गोल मार्केट, भिंड पर एक आंदोलन के बाद हमने लाल सिंह से जो कहा था वो हक़ीक़त में बदल रहा है।अच्छी बात ये है कि हमारे कहे को लाल सिंह ख़ुद याद दिलाते हैं।

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