कार्तिकेय के चक्कर में आर्यमान सिंधिया की लांचिंग रोकी


ज्योतिरादित्य सिंधिया अफवाहों से परेशान
खबर नेशन / Khabar Nation

शिव ज्योति एक्सप्रेस के सिंधिया उपचुनाव में अफवाहों से परेशान हो उठे हैं । अफवाहों की वजह चंबल ग्वालियर इलाके में हो रहे उपचुनाव के दौरान उनके बेटे आर्यमान सिंधिया के प्रचार दौरे से संबधी पोस्टर है । सुविचारित ढंग से आर्यमान सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान के एक साथ दौरे किए जाने की बात प्रचारित की जा रही है । सूत्रों के अनुसार सिंधिया ने इन उपचुनावों से आर्यमान सिंधिया को दूर ही रहने के निर्देश दिए हैं । पोहरी विधानसभा क्षेत्र में दो दिन पूर्व आर्यमान और कार्तिकेय की सभा के पोस्टर लगा दिए गए । सूत्रों के अनुसार यह जानकारी सामने आने के बाद सिंधिया ने स्थानीय प्रत्याशी पर अपनी नाराज़गी भी जाहिर की ।

 

दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का असल युवराज कार्तिकेय 

इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय ख़ासकर किरार जाति बहुल इलाकों में ही जा रहे हैं । पोहरी भी किरार बहुल इलाकों में शामिल हैं । अगर देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी का आधार और किरार बहुल इलाकों में कार्तिकेय का प्रचार सभा की सफलता के ताने-बाने को लेकर रचा गया है ।
भारतीय जनता पार्टी के 


पितृपुरुषों में शुमार दीनदयाल उपाध्याय जी ने अंत्योदय का मार्ग दिखाया था। यानि जो समाज की आखिरी पंक्ति में हैं, उसका उदय। और इस अंत्योदय के नये और असल युवराज के रुप में उभर रहे हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान और भाजपा में नए रच बस रहे  । उपचुनाव के जमे मंच पर दरी बिछाते और चना परमल सत्तू खाते कार्यकर्ताओं को उलांघते हुए लगातार मंचासीन हो रहे हैं । कार्तिकेय अपने पिता की तरह अच्छा बोलते हैं पर सुनाने को पिता की पुण्याई के अलावा और कुछ नहीं है । हां शुरुआत 2003 की परिस्थितियों का जरुर किया जा रहा है कि कांग्रेस और दिग्विजय के भ्रष्ट तंत्र को नेस्तनाबूद करना जरूरी था । फिर सीधे पिता की कुर्सी संभालते हुए गरीब कल्याण के सपनों पर केन्द्रित हो जाते हैं । यह जिक्र इसलिए कि यह वही भारतीय जनता पार्टी है जो कांग्रेस के नेताओं को एक परिवार की गुलामी के चारण गीत गाने के आरोप लगा रही है। यह वही दीनदयाल उपाध्याय जी के गढ़े सपनों को हर मंच से सुनाती है कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की चिंता हमारा परम धर्म है । कार्तिकेय पहले हों ऐसा भी नहीं है बाप दादाओं की कमाई पर राजनीतिक कर्म करने वालों की बेल भाजपा में मजबूत हो गई है । खुद शिवराज के राजनैतिक विरोधियों के पुत्र भाजपा में भरपूर फल फूल रहे हैं । सो अब ना इनका विरोध होगा ना उनका। पर दीनदयाल के सपनों का अंतिम व्यक्ति वही दरी बिछाने वाला और सेव परमल,चना सत्तू खाने वाला कार्यकर्ता होगा जो कल भी था और आज भी रहेगा ।

Share:


Related Articles


Leave a Comment