हनी ट्रैप मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए कितना मुफीद ?

 

मामला भोपाल से इंदौर तक पहुंचा कैसे ?

खबर नेशन / Khabar Nation

इंदौर के नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा हनीट्रैप का शिकार होने का मामला मध्यप्रदेश सरकार के गले की हड्डी नहीं बल्कि मुफीद बनता जा रहा है । सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में लगभग चार दर्जन अफसरों- नेताओं और नेता पुत्रों के खिलाफ अश्लील वीडियो क्लीपिंग सामने आने की जानकारी प्राप्त हुई है ।इस मामले में सिर्फ विषकन्यायें दोषी नहीं है बल्कि प्रदेश के उच्च स्तर पर पदस्थ अफसरों ने भी बदला भांजने और प्रमोशन के लिए विरोधियों को निपटाने के लिए भी इन विषकन्याओं की सेवाएं ली है । 
इस मामले का खुलासा कुछ दिन पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव पी सी मीणा की वीडियो क्लीपिंग सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिए गए जांच के निष्कर्षों में हुआ । मीणा के संभावित अवसरों के मद्देनजर उनके समकक्ष एक अफसर द्वारा मीणा को हनीट्रैप का शिकार बनाया गया । सूत्रों के अनुसार मीणा के एक प्लाट को लेकर विषकन्या मीणा के संपर्क में आई । मीणा और विषकन्या के बीच विश्र्वास बहाली का काम भी समकक्ष अफसर ने किया । 
जब इस मामले की जांच तह तक की गई तो जांच अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई । कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के रंगरैलियों की क्लीपिंग सामने आई । इसी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कई नेताओं के साथ साथ नेता पुत्रों की भी रंगरैलियां उजागर हो गई ।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि एक रसूखदार आई पी एस अधिकारी के इशारे पर कुछ अधिकारियों की वीडियो क्लीपिंग डिलिट भी की गई । और इस मामले में उक्त आई पी एस अधिकारी पर आंच ना आए इसलिए इस मामले को इंदौर नगर पालिक निगम के इंजीनियर के माध्यम से पुलिस शिकायत दर्ज करवाने का षड़यंत्र रचा गया । मामले को दबाने हरभजन सिंह के भविष्य को सुरक्षित रखने का आश्र्वासन भी दिया गया । एक अधिकारी ने तो अपने विभागीय मंत्री को भी इसका शिकार बनाने का प्रयास कर डाला ।
सवाल है कि आखिर उक्त आई पी एस अफसर ने इस मामले को इंदौर तक पहुंचाने में विशेष रुचि क्यों ली ?
आखिर वह कौन सा आई पी एस अफसर है जिसके खिलाफ एक महिला भोपाल में थाने तक शिकायत करने पहुंची और फिर उसे समझा बुझाकर वहां से बुरका पहनाकर रवाना किया गया ?
सूत्रों के अनुसार कमलनाथ सरकार पर हमलावर भाजपा के दो नेताओं और चार नेता पुत्रों की रंगीन मिजाजी के वीडियो मिलने के बाद पुलिस अफसरों की बांछे खिल गई और संपूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री को उपलब्ध करा दी गई है । राजनैतिक हलकों में संभावना जताई जा रही है कि ये वीडियो क्लीपिंग कमलनाथ सरकार को राजनीतिक संकट से निपटने के लिए मुफीद साबित होगी ।

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