उमा के निशाने पर शराब बंदी या राज्यसभा ?

 

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश की फायर ब्रांड साध्वी उमा भारती अचानक उग्र हो गई है । उमा भारती मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री हैं और लंबे समय से राजनीतिक वनवास झेल रही हैं। इन दिनों उमा अपनी ही सरकार को परेशानी में डाले हुए हैं। काफी लंबे समय से  उमा शराब बंदी को लेकर सक्रिय हैं । हाल ही में उमा उग्र तेवरों   का प्रदर्शन कर रही हैं और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसी भी कीमत पर शराब बंदी के पक्ष में नहीं है। वजह शराब से मिलने वाला सरकार को मोटा राजस्व है। सूत्रों के अनुसार इसके अलावा राजनेताओं की आर्थिक लिप्सा को भी शराब व्यवसाई निरंतर पूरा करते रहते हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में उमा भारती ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर किया है।
उमा अपने राजनीतिक वनवास से बाहर निकलने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। ऐसे में शराब बंदी का लक्ष्य कहने को तो सामाजिक मुद्दे के तौर पर सामने आता है लेकिन इससे राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा सकते हैं। 
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में तीन राज्यसभा सीट खाली होने जा रही है। विधानसभा में विधायक संख्या बल के हिसाब से दो सीट भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है। सुप्रसिद्ध एडव्होकेट विवेक तनख़ा कांग्रेस से रिक्त होने वाली सीट पर चुने गए थे। भाजपा से संपत्तियां उईके और एम जे अकबर है। 
आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस किसे सदन में भेजेंगे यह केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा लेकिन राज्यसभा की दावेदारी इस बहाने प्रकट तो की जा सकती है।

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