एक ही दिन में फिर गया किसानों की मेहनत पर पानी

 


फसल बांझपन  के साथ मुरझाने  से किसानों में छाई मायूसी 

समझ नहीं पा रहे किसान कौन सी है यह बीमारी

Khabar Nation / खबर नेशन
जहां पूरे प्रदेश में सोयाबीन की फसल खराब होने की बात सामने आ रही है वही देवास जिले सभी तहसीलों में सोयाबीन की हालत भी इसी तरीके से खराब हो चुकी है यहां पर सोयाबीन पहले से ही कमजोर था क्योंकि यहां पर बारिश बहुत कम हुई थी और उसके कारण यहां पर सोयाबीन की फसल इतनी अच्छी नहीं थी उसके बाद अचानक से सोयाबीन में लगने वाली  बीमारियो ने इसे पूरी तरीके से नष्ट कर दिया है आज क्षेत्र के कोई से भी खेत में जाकर अगर कोई घूम ले तो सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट दिखेगी सोयाबीन पूरी तरह पीला पड़ चुका है ना उसमें फली है और जहां पर फली है ना ही उसमें दाने हैं इसी के चलते किसानों को अब डर सता रहा है जो कर्ज लेकर उन्होंने इस फसल को बोया था जिसे काटने में फिर कर्ज लेना पड़ेगा और इसे कटवाना तो बहुत महंगा पड़ेगा क्योंकि सोयाबीन में फसल के नाम पर दाने तो है ही नहीं तो इसे कटवाने से अच्छा है की सीधा बखर दिया जाए अब सोयाबीन की फसल में एक बीघा में किसान की 7 से 8 हजार रुपए की लागत लग जाती है और इस बार तो कई किसानों ने सोयाबीन की फसल 2 बार बोई है जिससे उसकी लागत काफी बढ़ जाती है एक बीघा जमीन में यह जो लागत लगी है किसान को जेब से ही लगानी पड़ी है क्योंकि इस बार फसल से 1 रुपैया भी उसके हाथ में नहीं आने वाला है इसी के चलते कई किसान इस फसल को अपनी गायों को खिला रहे हैं व कई किसानों ने तो अभी से खेत बखरा दिए क्योंकि 90 दिन की होने वाली है फसल को 65 से 70 दिन हो गए हैं और अभी तक इसमें दाने नहीं है तो किसानों ने अब उम्मीद खो दी  है किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द इस फसल का जो बीमा सरकार के द्वारा कराया गया है उसका भुगतान किया जाए जिससे उन्हें तुरंत राहत मिल सके कर्ज से मुक्त हो जाएं क्योंकि उन्हें ब्याज तो देना ही पड़ेगा अब देखते हैं सरकार कब इन लोगों के खेतों का सर्वे करवाती है इनकी सुध लेती है 

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