मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना नेता नहीं मानते कांग्रेस के ही लोग

 

 

भोपाल। कांग्रेस में ही कई लोग ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना नेता नहीं मानते। वे मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्णय को अपना निर्णय नहीं मानते और इसीलिए वे मुख्यमंत्री द्वारा भोपाल मेट्रो का नाम भोज मेट्रो रखे जाने का विरोध कर रहे हैं। अब तो वे इस मुद्दे को लेकर मारपीट से भी परहेज नहीं करते। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री रजनीश अग्रवाल ने जिला कांग्रेस कार्यालय में मंत्रियों की मौजूदगी में कांग्रेसियों में हुई मारपीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का शुरू से यह मानना रहा है कि कांग्रेस की प्रदेश सरकार में कई मुख्यमंत्री हैं। हर गुट का नेता अपने समर्थकों के लिए मुख्यमंत्री की हैसियत रखता है और वे उसी की बात मानते हैं। इसका परिणाम यह है कि संवैधानिक रूप से भले ही कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हों, लेकिन अन्य गुटों के लोग उन्हें अपना नेता नहीं मानते। कांग्रेसियों की इसी सोच के चलते मेट्रो रेल परियोजना के शिलान्यास के दौरान भी कुछ कांग्रेसियों ने मेट्रो का नाम राजा भोज के नाम पर रखे जाने का विरोध किया था।
श्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि चूंकि कांग्रेस में शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीकों से अपनी बात रखने का चलन नहीं है, इसीलिए पार्टी के जिला कार्यालय में मीटिंग के दौरान मंत्रियों की मौजूदगी में मारपीट की स्थिति बन गई थी। श्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के कुछ धड़े भले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना नेता न मानें, लेकिन राजा भोज और भोपाल का संबंध प्रमाणित ऐतिहासिक तथ्य है, जिसे राजनीतिक तकाजों के लिए झुठलाया नहीं जा सकता।

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