जनवरी में मिल सकता है मध्यप्रदेश को नया मुख्य सचिव

 

रेरा या विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन बनेंगे एसआर मोहंती
-31 मार्च को होंगे सीएस के पद से रिटायर्ड, सरकार ने नहीं भेजा एक्सटेंशन का प्रस्ताव
 

खबर नेशन /Khabar Nation
मध्यप्रदेश को जनवरी 2020 में नया मुख्य सचिव मिल सकता है । वर्तमान मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती की नजर मध्यप्रदेश विधुत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद को लेकर लगी है ।
गौरतलब है कि मोहंती 1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं । जिनका मार्च 2020 में रिटायरमेंट है। आगामी मुख्य सचिव को लेकर तगड़े दावेदार के तौर पर एम गोपाल रेड्डी और भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1985 बैच के अधिकारी ए पी श्रीवास्तव एवं के के सिंह प्रमुख माने जा रहे हैं ।
   मुख्य सचिव पद से 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले 82 बैच के आईएएस अधिकारी एसआर मोहंती को सरकार मप्र विद्युत नियामक आयोग अथवा रेरा का चेयरमैन बना सकती है। क्योंकि विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन पद से देवराज बिरदी 31 जनवरी को रिटायर्ड होने जा रहे हैं। इसलिए इन अटकलों को बल मिल रहा है। सूूत्रों ने तो यहां बताया कि मोहंती रेरा के चेयरमैन बनने के इच्छुक है, जबकि सीएम उन्हें नियामक आयोग भेजना चाहते हैं।
    मप्र विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन का पद 31 जनवरी को खाली होने जा रहा है। विद्युत नियामक आयोग का चेयरमैन किसी सीनियर सीएस वेतनमान पाने वाले अफसर को बनाना पडेगा। वर्तमान में केवल सीएस के पद से 31 मार्च को एसआर मोहंती ही सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। क्योंकि सीएम कमलनाथ मोहंती को एक्सटेंशन देने के मूड में नहीं है। सूत्रों ने बताया कि सीएस के पद पर एम गोपाल रेड्डी की नियुक्ति की जाना लगभग तय मानी जा रही है लेकिन रेड्डी की नियुक्ति में उनका सितंबर 2020 में रिटायर होना आड़े आ सकता है । 1984 बैच के आईएएस अफसर ए पी श्रीवास्तव की कार्यशैली मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति को लेकर आड़े आ सकती है । हांलांकि वरिष्ठता के लिहाज से और मार्च 2021 में सेवानिवृत्ति श्री श्रीवास्तव की पदस्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है । अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर 1985 बैच के चार दावेदार हैं जिनकी सेवानिवृत्ति में लंबा समय है ।  राधेश्याम जुलानिया भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं । जुलानिया सितंबर 2021 में सेवानिवृत्त होंगे । अगस्त 2021 में रिटायर होने वाले दीपक खांडेकर भी भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं । मध्यप्रदेश के प्रशासनिक हलकों में बेहद कड़क अफ़सर के तौर पर जाने जाने वाले इकबाल सिंह बैंस नबंवर 2021 में रिटायर होंगे लेकिन उन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का खासुलखास होना इस दौड़ से बाहर कर सकता है । अगस्त 2021 में रिटायर होने वाले के के सिंह की पदस्थापना में वरिष्ठों को दरकिनार करना दिक्कत का सबब बन सकता है ।
वहीं रिटायर होने के बाद मोहंती को मप्र विद्युत नियामक आयोग का चेयरमैन बनाए जाने से उन्हें पांच साल का कार्यकाल मिल जाएगा। उधर, मोहंती से जुडे एक अफसर के अनुसार वे मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा)के चेयरमैन बनने के इच्छुक है। चर्चा यह है कि रेरा के चेयरमैन अंटोनी डिसा को मप्र विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष बना दिया जाए, जिससे उन्हें अगले पांच साल काम करने का और मौका मिल जाएगा और रेरा के चेयरमैन का पद खाली होने पर मोहंती को चेयरमैन बना दिए जाने की चर्चा है।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव पद के चयन को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद कशमकश में है कि वे योग्यता को महत्व देते हैं या निजी पसंद को ।

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