इंदौर के नाला टेपिंग घोटाले को क्यों दबा रहे हैं मनीष सिंह ?

1700 करोड़ की जश्ने बर्बादी
नगरीय प्रशासन मंत्री ने जांच के लिए दिए हैं वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की हाईपॉवर कमेटी बनाने के निर्देश

भाजपा पार्षद ने ही किया था घोटाले का खुलासा

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन /Khabar Nation

इंदौर नगर निगम के नाला टेपिंग घोटाले की जांच को दबाने का प्रयास किया जा रहा है । मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की हाईपॉवर कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं । नगरीय प्रशासन विभाग में बैठे अधिकारियों ने कमेटी बनाने की बजाय सीधे-सीधे इंदौर नगर निगम से प्रतिवेदन बुलवा लिया ।

गौरतलब है कि इंदौर नगर पालिक निगम ने वर्ष 2011 से जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (JNNURM) के तहत इंदौर शहर के जल मल निकासी पर आज तक लगभग 1700 से 1800 करोड़ रुपए तक खर्च कर दिया है । इस योजना के तहत डाले गए पाइप की उम्र लगभग पचास साल मांपी जाती है । इसके बावजूद पिछले दस साल में डाले गए पाइपों को फिर से बदल दिया गया । गौरतलब है कि इंदौर शहर में आज भी होलकर जमाने के समय डाली गई पाईप लाईन बेहतर स्थिति में काम कर रही है ।

क्या है शिकायत 

अगस्त माह में  भाजपा पार्षद एवं यातायात एवं परिवहन प्रबंधन विभाग प्रभारी इंदौर नगर पालिक निगम दिलीप शर्मा ने सीवरेज प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों को लेकर चार पेज की तेरह बिंदुओं की विस्तृत शिकायत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को सौंपी थी । इस मामले में इंदौर के पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से प्रत्यक्ष मुलाकात करते हुए उच्च स्तरीय जांच का आग्रह किया था । नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने तत्काल इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए ।

नगरीय प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन में मंत्री के इस निर्देश के बाद हड़कंप मच गया । प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग मनीष सिंह ने इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए इंदौर नगर निगम से प्रतिवेदन बुलवा लिया । 

एक जैसे निर्देश कार्रवाई का तरीका अलग अलग क्यों ?

दो दिन पूर्व ही मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (सी जी एम) के खिलाफ एक मामले में उच्चस्तरीय अधिकारियों से जांच किए जाने की घोषणा की थी । हाईपॉवर कमेटी का गठन भी कर दिया गया। इधर नगरीय प्रशासन विभाग ने इस मामले में इंदौर नगर पालिक निगम से सीधे जांच का प्रतिवेदन बुलवा लिया । आखिर क्यों ?

पूर्व महापौर मोघे का कहना

इंदौर नगर निगम के पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है कि वे इंदौर शहर के हित को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिले थे । नाला टेपिंग को लेकर बात की थी । ठीक नहीं है । जिस दिन दो पांच घंटे बरसात होगी शहर में पानी भर जाएगा। इसे दुरुस्त किया जाए। जांच हो गड़बड़ी होगी तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।

निष्पक्ष जांच की मांग

इस मामले को लेकर शिकायत कर्ता भाजपा पार्षद एवं यातायात एवं परिवहन प्रबंधन विभाग प्रभारी दिलीप शर्मा का कहना है कि निष्पक्ष जांच हो और दोषी इंजीनियरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो ।

इस मामले को लेकर जब प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग मनीष सिंह से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि जो निर्देश मंत्रीजी ने दिए हैं उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी । जब उनसे यह जानना चाहा कि नगरीय प्रशासन मंत्री ने हाईपॉवर कमेटी से जांच कराने के निर्देश दिए थे और आपके विभाग के द्वारा सीधे इंदौर नगर निगम से प्रतिवेदन बुलवाया गया है तो उन्होंने कहा कि प्रोसेस के अनुसार कार्रवाई की जा रही है ।

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