अस्पतालों को नहीं मिल रही फायर एनओसी
खबर नेशन / Khabar Nation
मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने ’11 मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है
मप्र में बीते दो माह से नर्सिंग होम और अस्पतालों को फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं मिल रही है। करीब 75 आवेदनों में से 64 पर एनओसी जारी ही नहीं हुई है। बीते दो माह मे केवल 14 फायर एनओसी जारी की गईं हैं। यह सब इसलिये हो रहा है कि ई-नगरपलिका पोर्टल पर एनओसी देने की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। लेकिन दो माह से इस पेार्टल पर आवेदन अपलोड ही नहीं हो रहे है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, सचालनालय, मप्र शासन, भोपाल सेे प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
घरों के सामने बिजली के तार
भोपाल शहर के भानपुर क्षेत्र में मित्तल काॅलेज रोड़ स्थित श्रीराम काॅलोनी के रहवासी उके घरों के सामने से गुजर रहे बिजली के तारों से परेशान हैं। रहवासियों द्वारा बार-बार शिकायतें करने के बाद भी जिम्मेदार अफसर इसका समाधान नहीं करा पा रहे हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर मुख्य प्रबंध निदेशक, मप्र मध्य क्षेत्र विविकंलिमि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
मनचलों के कमेंट्स से परेशान दसवीं की छात्रा पहुंची थाने
रायसेन जिले के मंडीद्वीप के मिर्ची मोहल्ले में रहने वाली दसवीं पढ़ने वाली एक नाबालिग बालिका ने मनचलों के कमेंट्स से परेशान होकर मंडीद्वीप थाने में रिपोर्ट की है। बालिका ने इन मनचलों के कमेंट्स से परेशान होकर घर से निकलना भी छोड़ दिया था। फिर भी मनचलों द्वारा उस पर अश्लील कमेंट कर धमकियां दी जा रहीं थीं। बालिका की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि छात्राओं के सुरक्षित आवागमन एवं ऐसी घटना को रोकने के लिये की गई कार्यवाही के बारे में स्पष्ट प्रतिवेदन दें।
झोलाछाप डाक्टर ने ली किसान की जान
रायसेन जिले के बेगमगंज इलाके के करहोला गांव में एक झोलाछाप फर्जी डाक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से बीमार किसान की जान चली गई। किसान के गर्दन में दर्द हो रहा था। झोलाछाप डाक्टर ने बिना कोई जांच किये उसे एक इंजेक्शन लगा दिया। किसान की हालत बिगड़ गई। वह बेहाश हो गया तो परिजन उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, रायसेन से पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण में की गई कार्यवाही का एक माह में प्रगति प्रतिवेदन मांगा है।
टेक होम राशन बंद, ककरदा व भीमलत में पांच कुपोषित बच्चे मिले
श्योपुर जिले में कुपोषण फिर से नजर आ रहा है। यहां टेक होम राशन बंद होने के कारण जिले के ककरदा और भीमलत गांव में एक बच्ची अतिकुपोषित और चार बच्चियां कुपोषित मिली हैं। अतिकुपोषित पाई गई आठ वर्षीय बच्ची का वजन मात्र चार किलो दो सौ ग्राम और एक अन्य बच्ची का वजन आठ किलो होने बजाय मात्र छह किलो रह गया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, श्योपुर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में इन बिदुओं पर जवाब मांगा है:- 01. टेक होम राशन फरवरी 2023 से क्यों नहीं आ सका ? 02. ऐसे विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी या विभाग जिम्मेदार हैं ? 03. क्या कोई तात्कालिक वैकल्पिक व्यवस्था के कोई उपाय शासन की ओर से नहीं दिये गये हैं ? 04. बताये गये उक्त पांच कुपोषित बच्चों की फिलहाल क्या स्थिति है ? 05. ऐसी विषम परिस्थिति पर नियंत्रण के क्या उपाय किये गये है या प्रस्तावित हैं ? 06. जिले में कुपोषण की क्या स्थिति है ?
जबलपुर मेडिकल काॅलेज में भड़की आग
जबलपुर शहर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज में बीते पांच मार्च को सर्जरी वार्ड में आग लग गई। हादसे में यहां भर्ती मरीज बाल-बाल बच गये। रोते बिलखते मरीजों और परिजनों को अधिकारियों और कर्मचारियों ने बचा लिया, पर इस गंभीर लापरवाही के लिये भारी हंगामा भी किया। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर अधीक्षक, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में इन बिदुओं पर जवाब मांगा है:- 01. आग से कितने वार्ड प्रभावित हुये ? 02. कितने मरीज आदि प्रभावित हुये ? 03. आग पर नियंत्रण कैसे और कितने समय में किया जा सका ? 04. अस्पताल के फायर फाइटिंग सिस्टम की क्या स्थिति है और वह कितना उपयोगी रहा ? 05. भविष्य के लिये क्या उपाय किये गये हैं ? स्पष्ट प्रतिवेदन दें।
राशनकार्ड के लिये भटक रहे गरीब
जबलपुर जिले में सरकारी लेतलतीफी के कारण राशनकार्ड बनवाने के लिये गरीब लोग यहां-वहां भटक रहे हैं। जांच पडताल के नाम पर आवेदन वापस भेज दिया जाता है और फिर वह अपील में चला जाता है। अफसरों का कहना है कि 522 रूपये प्रतिमाह से अधिक कमानों वालों का हमें गरीबी रेखा का कार्ड बनाना ही नहीं है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
मचान गिरने से दो मजदूरों की मौत
खरगौन जिले के बलकवाड़ा थानाक्षेत्र के भोइन्दा गांव में निर्माणाधीन टंकी की मचान गिर जाने से दो मजदूरों की मौत हो गई। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था पर दोनों ने ही रास्ते में दम तोड़ दिया। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, खरगौन से प्रकरण की जांच कराकर दोनों ही मृकों के वैध वारिसों को मुआवजा राशि दिलाने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।
जिला अस्पताल, झाबुआ में भारी कुप्रबंधन
जिला अस्पताल, झाबुआ में भारी कुप्रबंधन के संबंध में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को सुविधाओं के नाम पर अंगूठा दिखाया जा रहा है। यहां पदस्थ डाक्टर प्रायवेट हॉस्पिटल्स में प्रैक्टिस कर रहे हैं। ओपीडी पर्ची बनाने के नाम पर घंटों कतारों में लगाया जा रहा है। मरीजों को दवाई भी नहीं दी जा रहीं हैं।
खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर युवक को कर दिया रैफर, रास्ते में मौत
पन्ना जिले में स्वास्थ्य अमले की लापरवाही से एक युवक की मौत हो गई। युवक पन्ना जिले का था जो जिला अस्पताल पन्ना में भर्ती था। उसकी तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल पन्ना के स्टाफ ने उसे खाली ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे रीवा रैफर कर दिया। सांस नहीं मिलने पर युवक की रास्ते में ही मौत हो गई। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, पन्ना से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
चूना पत्थर की गुफा में दो मजदूरों की मौत
मुरैना जिले के सबलगढ़ थानाक्षेत्र के कजौना घाटी क्षेत्र में एक चूना पत्थर की गुफा में खुदाई करते वक्त दबकर दो मजदूरों की मौत हो गई। एक मजदूर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दूसरे की मौत अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही हो गई। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, मुरैना से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि दोनों मृतकों के वैध वारिसों को मुआवजा राशि दिये जाने, घटना की जांच में दोषी पाए गये व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही के संबंध मे भी स्पष्ट प्रतिवेदन दें।
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गौरव चतुर्वेदी
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