एक किताब जो मध्यप्रदेश के राजनैतिक प्रशासनिक गलियारे में तूफान मचाएगी

 

अखबारों में छपकर बचने से  रह गई खबरें किताब में
ख़बर नेशन / Khabar Nation

बहुत जल्दी ही एक किताब  मध्यप्रदेश के राजनैतिक प्रशासनिक गलियारे में तूफान मचाने जा रही है । इस किताब में उच्च स्तर पर हुए राजनैतिक और प्रशासनिक ऐसे निर्णयों का ब्यौरा है जो सामाजिक राजनैतिक प्रशासनिक दबावों के चलते अखबारों में छप नहीं पाईं । 
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार मनीष दीक्षित पिछले लंबे समय से अपने इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और संभवतः दो माह के अंदर ही इसे अंतिम रूप दे देंगे । अंग्रेजी और हिन्दी भाषा पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले मनीष दीक्षित पहले इस किताब को अंग्रेजी में लाने पर काम कर रहे थे और लगभग तीस प्रतिशत काम पूरा कर भी चुके थे । फिर मित्रों की सलाह पर इसे हिन्दी में पहले प्रकाशित करने का विचार परवान चढ़ गया । पहले भी मध्यप्रदेश के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारे में मनीष दीक्षित की चहलकदमी पर सरकार, विपक्ष, और प्रशासनिक अफसरान नज़र रखते थे जब वे सक्रिय पत्रकारिता कर रहे थे । इन दिनों भी सक्रिय पत्रकारिता से दूर मनीष दीक्षित के पत्रकारिय अवकाश पर नज़र रखी जा रही है । दीक्षित के इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकर अफसरान और दिग्गज नेता उन्हें फोन कर रहे हैं और आग्रह कर रहे हैं कि हमारा ख्याल रखना हमारे जिक्र हों पर अच्छे वाले बुरे नहीं।
जब मनीष दीक्षित इस किताब के पहलूओं पर बात करते हैं तो उनके चेहरे की चमक इस किताब के अंशों की और इशारा करते हैं कि किताब पढ़ने लायक तो होगी ही बुक सेल्फ में सबसे आगे नजर आने वाली भी रहेगी।
एक बात और यह किताब देश के नवागत पत्रकारों को एक सबक जरूर सिखाएगी कि खबर को लेकर  लंबा धैर्य कैसे रखा जाता है । और हां खबर कभी मरती नहीं आम पाठक तक जरुर पहुंचती है ।

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