कैलाश विजयवर्गीय का बयान भाजपा की हताशा का प्रतीक: शोभा ओझा

राजनीति Jul 29, 2019

खबर नेशन/Khabar Nation  

ऐसी बयानबाजियां घोटालों में "कमीशन" खाने वालों के द्वारा, पार्टी में अपनी "पोजीशन" बचाने का "मिशन"  

भोपाल. मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा यह कहा जाना कि "कर्नाटक में शपथ के बाद, मध्यप्रदेश में "मिशन" शुरू होगा", पूरी तरह से हास्यास्पद है। दरअसल अभी-अभी सदन में बुरी तरह से पराजित भाजपा के हताश नेताओं द्वारा की जा रही ऐसी बयानबाजियों को व्यापमं, डंपर, ई-टेंडरिंग, पेंशन घोटालों में "कमीशन" खाने वालों के द्वारा पार्टी में अपनी" पोजीशन" बचाने का "मिशन" ही कहा जा सकता है। हकीकत तो यह है कि भाजपा नेता स्वयं भी यह जानते हैं कि कमलनाथ सरकार पूरी मजबूती के साथ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, और भाजपा की मुख्य चिंता अपने विधायकों को बचाए रखने की है।                       

आज जारी अपने बयान में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए ओझा ने कहा कि नंबर एक, नंबर दो और बॉस के इशारों पर, 24 घंटों में सरकार गिराने का दावा करने वालों की पोल सदन में दो बार खुल चुकी है और अभी हाल ही में "दंड विधि संशोधन विधेयक" पर हुए मत-विभाजन में पहले ही भाजपा अपने दो विधायक खो चुकी है, उसके बाद भी इस तरह की बयानबाजियां केवल अपने आप को और अपने कार्यकर्ताओं को झूठी दिलासा दिलाने और अपना मनोबल बनाए रखने की नाकाम कोशिश ही कहा जा सकता है।

ओझा ने कहा की शिवराज सिंह और कैलाश विजयवर्गीय के बीच गुटबाजी के कारण कैलाश विजयवर्गीय को पहले ही पार्टी ने प्रदेश निकाला दे दिया है और उन्हें पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस, उनके मन में अभी तक है, लेकिन उन्हें इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए कि अब भाजपा की नहीं, कमलनाथ जी की लोकप्रिय कांग्रेस सरकार है, जिसने अपनी मजबूती का उदाहरण कैलाश जी और उनकी पार्टी को, अभी कुछ दिन पहले ही सदन में हुए मत-विभाजन के दौरान दे दिया है।                                                     

ओझा ने कहा कि भाजपा की आपसी गुटबाजी के चलते मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, प्रभात झा, कैलाश विजयवर्गीय के बीच चल रहा जो सत्ता संघर्ष है, ऐसे बयानों को केवल उसी दृष्टि से देखा जा सकता है, इससे अधिक इन बयानों का कोई महत्व नहीं है, भाजपा नेताओं के साथ ही प्रदेश की जनता भी अब इस अमिट सच्चाई को पूरी तरह से समझ चुकी है।

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