सोनिया गांधी की डिनर डिप्लोमेसी राजनीतिक अवसरवाद

राजनीति Mar 16, 2018

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सियासी डिनर में जिस तरह दंभोक्ति की उसका जवाब 2019 में देश की जनता देगी। ऐसा करके भले ही कांग्रेसियों को राहत मिली होगी लेकिन हकीकत यह हैं कि कांग्रेस ने ही पार्टी हित में चुनौतियां खडी कर दी हैं। वास्तव में सियासी दलों के बीच भाजपा के विरूद्ध गठबंधन बनाने की कसरत इन राजनैतिक दलों का अपने अस्तित्व रक्षा का सवाल हैं। क्योंकि ये सभी गैर भाजपा दल भारतीय जनता पार्टी की बढ़ती स्वीकार्यता और ये दल लगातार विधानसभा चुनावों में जनता से खारिज होने के बाद भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा से भयभीत हैं।
 

उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्षी दल सूत न कपास जुलाहों में लठालठी रोग से पीड़ित हो चुके हैं। सोनिया गांधी की डिनर डिप्लोमैसी में भले ही उन्नीस दलों ने शिरकत की लेकिन सवाल गठजोड़ के नेतृत्व का जटिल हैं। सोनिया गांधी जहां राहुल गांधी को विकल्प मानती हैं वही ममता बनर्जी को यह कतई स्वीकार्य नहीं होगा। इसी तरह अन्य दल भी अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे हैं। देश की जनता ने पिछले चार वर्षों में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के विकास जनकल्याण के एजेंडा को परखा हैं। आर्थिक सुधारों से जनता कठिनाई उठाकर रूबरू हुई हैं। लेकिन कुल मिलाकर जनता को भरोसा हैं कि देश में तीस वर्षों में पहली बार नरेन्द्र मोदी ने स्थिरता कायम की हैं। जनकल्याण के एजेंडा को आगे बढ़ाया हैं। नरेन्द्र मोदी की नीयत साफ हैं और दिशा भी सही हैं। ऐसे में मोदी का विकल्प देने में गैर भाजपा दल असमर्थ साबित होंगे। सोनिया गांधी जहां राहुल गांधी के अलावा दूसरों को स्वीकार नहीं करेगी वहीं गैर भाजपा दल पिछले वर्षों में देख चुके हैं कि राहुल गांधी में न राजनैतिक परिपक्वता हैं और न कोई विजन हैं।
 

कोठारी ने कहा कि महत्वाकांक्षा जनित संभावनाएं सही नहीं होती। आज विपक्ष दिशाहीन हैं। ऐसा न होता तो विपक्ष जनता को अपना एजेंडा पेश करता। जनता ने देखा हैं कि 4 वर्षो में देश भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में बढ़ा हैं। इस दौर में एक भी घोटाला सामने नहीं आया। कालेधन पर चोट हुई हैं। जिस पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी मुद्दा को बार-बार विपक्षी उठाकर सदन में चर्चा से कांग्रेसी भाग रहे हैं क्योंकि उसकी नीव 2011 में यूपीए के दौरान हो चुकी थी। (खबरनेशन / Khabarnation)

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