और अब शिव के राज में दुग्ध उत्पादक किसानों पर गिरी गाज


मध्यप्रदेश सरकार  किसानों से सस्ते में खरीदेगी दूध
खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश सरकार के एक हालिया निर्णय ने मध्यप्रदेश के दूध उत्पादक किसानों पर गाज गिरा दी है । सूत्रों के अनुसार सरकार ने दूध की खरीदी के भाव घटा दिए हैं।
यह निर्णय मध्यप्रदेश सहकारी डेयरी फेडरेशन की समीक्षा बैठक में लिया गया है । समीक्षा बैठक में दुग्ध प्रदाय में बढौत्री और उत्पादन लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए आर्थिक संकट का रोना रोया गया है । खबर नेशन के पास इंदौर सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित चांदा तलावली मांगलिया इंदौर द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि मौजूदा समय में दूग्ध चूर्ण की उत्पादन लागत 280 रुपए प्रति किलो आ रही है जबकि बाजार में दुग्ध चूर्ण 160 से 165 रुपए किलो बिक रहा है । इसी प्रकार श्वेत मख्खन की लागत 290 रुपए प्रति किलो आ रही है , जबकि बाजार में श्र्वेत मख्खन 210 से 220 रुपए किलो तक बिक रहा है । गौरतलब है कि दुग्ध संघ के पास दुग्ध चूर्ण का 13,23,360 किलोग्राम और श्वेत मख्खन का 10,35,606 किलोग्राम स्टॉक है । जिसका कोई खरीददार नहीं मिल रहा है । संघ ने कम कीमत पर भी दुग्ध चूर्ण और श्र्वेत मख्खन बेचने में अपने आपको असहाय माना है । इंदौर दुग्ध संघ ने 16/08/2020 से 60 रुपए प्रति किलो फैट भाव कम करने का निर्णय लिया है । पत्र के अनुसार भैंस का दूध अब 540 रुपए प्रति किलो फैट और गाय का दूध 200 रुपए प्रति किलो ठोस पदार्थ खरीदने का निर्णय लिया है ।
आर्थिक और डेयरी मामलों पर जानकारी रखने वाले राजेंद्र कोठारी का इस मामले में कहना है कि देश के दो सबसे बड़े दुग्ध निर्माता अमूल और मदर डेयरी उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के विक्रय करने के बावजूद लाभ कमा रहे हैं । मध्यप्रदेश दुग्ध सहकारी संघ मर्यादित के नुक़सान में जाने का कारण भारी भरकम खर्चे और चोरी है । संघ के कई कर्मचारियों और अधिकारियों की इस में हिस्सा है । उन्होंने कहा कि अगर हम मध्यप्रदेश के किसानों की हालत देखें तो गौपालन और दूध उत्पादन से जुड़े किसान बदहाल स्थिति में जी रहे हैं लेकिन अमूल और मदर डेयरी से जुड़े किसानों को आर्थिक संपन्नता उनके फार्म-हाउस पर लगे एयर कंडीशनर देखकर आंकी जा सकती है ।

संघ के इस निर्णय को लेकर एक दुग्ध उत्पादक किसान का यह कहना है कि किसानों की यह हालत तब है जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आप को किसान पुत्र कहते हैं । जिनका बेटा मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादक किसान के तौर पर कार्य कर रहा है और वह भरपूर लाभ भी कमा रहा है । दुग्ध संघ को लाभ कमाने के तरीके शिवराज के पुत्र से सीखना चाहिए।

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