मध्यप्रदेश के भोपाल, दमोह व अन्य शहरों में बढ़ते प्रदुषण के स्तर को लेकर आयी रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री ने जतायी चिंता

 

इसकी रोकथाम के लिये जागरूकता अभियान चलाने से
लेकर कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिये 

खबर नेशन /Khabar Nation
भोपाल, -

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की देश भर के प्रमुख 200 शहरों की आयी निगरानी रिपोर्ट में प्रदेश के भोपाल-दमोह सहित अन्य शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स के बढ़ते स्तर पर गंभीर चिंता जताते हुये इसके बढ़ते स्तर को कम करने व इसकी रोकथाम को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
श्री नाथ ने कहा कि केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली के वर्ष 2011-15 की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश के 6 शहरों भोपाल, इंदौर, देवास, ग्वालियर, सागर और उज्जैन को नाॅन अटेंटमेंट सिटी घोषित किया गया था। यह घोषणा परिवेशीय वायु में धूल कणों की मात्रा निधार्रित मानकों से अधिक पाये जाने के कारण की गई थी।
वर्तमान में आयी रिपोर्ट व जनता के स्वास्थ्य की रक्षा को देखते हुये प्रदेश में इन शहरों के साथ-साथ अन्य शहरों में भी वायु प्रदुषण की रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान चलाने से लेकर, व्यापक पैमाने पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
1. प्रदेश में वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाने से लेकर हरियाली बढ़ाने को लेकर पूर्व में ही अभियान चलाया जा रहा है। वायु प्रदुषण की रोकथाम को लेकर इसमें और तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।
2. प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण बड़ी संख्या में सड़कों की टूट-फूट हुई, जिसके कारण धूल उड़ने से भी वायु प्रदुषण का स्तर बढ़ता है। इन सड़कों के निर्माण कार्य, पैचवर्क व मरम्मत को लेकर पूर्व में ही निर्देश दिये जा चुंके है। इस काम में ओर तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।
3. वायु प्रदुषण के स्तर को कम करने को लेकर व्यापक पैमाने पर साफ-सफाई अभियान चलाने के निर्देश भी दिये गये हैं।
4. वायु प्रदुषण रोकने के लिये मेकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर व वाटर फाॅगर्स शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिये गये हैं।
5. देश के नई दिल्ली, चैन्नई व मुम्बई की तरह प्रदेश के भोपाल शहर की सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी का कार्य शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे वायु प्रदुषण के स्त्रोत का अध्ययन किया जा सके। जिससे इसकी समुचित रोकथाम को लेकर कार्य किये जा सके।
6. प्रदेश में रियल टाइम माॅनिटरिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे प्रदुषण का वास्तविक आंकलन हो सके।
7. प्रदेश में सीएनजी-एलपीजी जैसे स्वच्छ ईधन के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के व प्रदेश में ई-रिक्शा के प्रचलन को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
8. प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स को समस्त पेट्रोल पम्पों पर प्रदुषण जांच केन्द्र की स्थापना हेतु निर्देश दिये जा रहे हैं।
9. प्रदेश में मल्टीलेयर पार्किंग का विकास भविष्य में वायु प्रदुषण की रोकथाम को लेकर किया जाएगा।
10. प्रदेश में सरकार मिलावट के विरुद्ध पूर्व से ही अभियान चला रही है। वाहन प्रदुषण रोकने के लिए पेट्रोल-डीजल में मिलावट के विरूद्ध भी अभियान चलाया जाएगा।
11. वायु प्रदुषण रोकने के लिए व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिये गये हैं।

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