सरकार की विफलताओं को जनता तक क्यों नहीं पहुंचा सके, समीक्षा करेंगे: राकेश सिंह

 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- झाबुआ उपचुनाव में प्रदेश सरकार ने किया सरकारी तंत्र का दुरूपयोग

 खबर नेशन / Khabar Nation

                भोपाल। प्रदेश की जनता में कमलनाथ सरकार को लेकर आक्रोश है। हमें उपचुनाव के दौरान जनता का यह गुस्सा देखने को मिला, उसी आधार पर हमें एक आशा दिख रही थी। उपचुनाव में जनता का जो निर्णय आया है, वह निर्णय शिरोधार्य है। लेकिन हम समीक्षा करेंगे कि सरकार की विफलताओं को जनता तक क्यों नहीं पहुंचा पाये ? यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने झाबुआ उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

दोगुनी ताकत से जनता तक पहुंचाएंगे सरकार की वादाखिलाफी

                उपचुनाव में आमतौर पर जनता का रूझान सरकार के पक्ष में होता है, लेकिन सरकार के खिलाफ प्रदेश में और खासकर झाबुआ में जो वातावरण दिखाई दिया,  उस आधार पर झाबुआ उपचुनाव क्षेत्र में हमें आशा दिख रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों को जनता तक पहुंचाने में जो भी कमी रह गई, उसकी समीक्षा करेंगे। अब हम सरकार की वादाखिलाफी को जनता तक पहुंचाने का काम दोगुनी ताकत के साथ करेंगे। इसी कड़ी में 4 नवम्बर को प्रदेश के सभी जिला केंद्रों पर किसान आक्रोश आंदोलन आयोजित किया गया है।

सरकारी अफसरों को सरकार ने दिया था टारगेट

                श्री सिंह ने कहा कि झाबुआ कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। कांग्रेस के बागी उम्मीदवार खड़े होने से भाजपा को पिछले चुनाव में जीत हासिल हुई। इस चुनाव में जनता के भीतर प्रदेश सरकार को लेकर नकारात्मकता देखने को मिली और इसी कारण हम आशान्वित थे कि परिणाम अच्छे होंगे, लेकिन कमलनाथ सरकार ने उपचुनाव में सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया। शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को बूथ जिताने के टारगेट दिए गए। जिसका असर इस उपचुनाव के परिणाम पर पड़ा है।

भूरिया जी को मंत्री बनाएं या मुख्यमंत्री, कांग्रेस तय करेगी

                श्री सिंह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में प्रदेश सरकार के मंत्री हनी बघेल ने कहा था कि यहां से भूरिया जीतते हैं, तो इस जिले को केवल विधायक ही नहीं बल्कि एक मुख्यमंत्री भी मिलेगा। उनके कथन अनुसार अब कांग्रेस को तय करना है कि वह श्री कांतिलाल भूरिया को मंत्री बनाएंगे या मुख्यमंत्री। उन्होंने कहा कि यदि श्री भूरिया मुख्यमंत्री नहीं बनाए गए, तो यह आदिवासियों के साथ ठीक उसी प्रकार का धोखा होगा, जिस प्रकार की धोखाधड़ी कर्जमाफी और कांग्रेस के अन्य वचनों को लेकर हुई है।

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