प्रदेश के सरकारी स्कूलों को जन-भागीदारी से सर्व-सुविधायुक्त बनाने के लिये उपहार योजना

 

 

खबरनेशन/Khabarnation                                                                                                                                                                                                                                   भोपाल :  प्रदेश में सरकारी स्कूलों को जन-भागीदारी से सर्व-सुविधायुक्त बनाने के लिये जन-भागीदारी योजना चलाई जा रही है। योजना के माध्यम से स्कूलों में बुनियादी सुविधाएँ बढ़ाने के साथ-साथ अधोसंरचना विकास के कार्य भी करवाये जा रहे हैं। अभी तक इस योजना के माध्यम से करीब 4 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराये गये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय उपहार योजना में जन-सामान्य को प्रोत्साहित करने के लिये निर्देश भी दिये हैं।

विद्यालय उपहार योजना में सभी सरकारी विद्यालय अपनी विद्यालयीन आवश्यकताओं को चिन्हित कर उनकी पूर्ति के लिये समाज से उपहार प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों के भौतिक एवं अकादमिक विकास के लिये समाज से वस्तुरूप सहायता उपहार के रूप में प्राप्त करना है। स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर विद्यालय उपहार नाम से मॉड्यूल उपलब्ध करवाया गया है। इसके माध्यम से सरकारी विद्यालय अपनी आवश्यकताओं को विकास खंड स्त्रोत समन्वयक के माध्यम से अपलोड कर सकेगें। जो संस्था, व्यक्ति, समूह, ट्रस्ट या कम्पनी 10 हजार रुपये तक की राशि के बराबर की सामग्री सरकारी स्कूल को उपहार के रूप में उपलब्ध करवायेगा, उसे विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा धन्यवाद पत्र भी दिया जायेगा। योजना में 10 हजार रुपये से अधिक की सहायता करने वालों का नाम एजुकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित किया जायेगा। जिन क्षेत्रों में विद्यालय वस्तुरूप उपहार प्राप्त कर सकेगें उनमें छात्रावास के किचन के लिए आवश्यक सामग्री, शुद्ध पेयजल हेतु फिल्टर, वाटर कूलर, पंखें, विद्यालय परिसर में कुओं या ट्यूबवेल खनन करवा कर देना, विद्यालय को फर्नीचर उपलब्ध करवाना, खेल सामग्री दान आदि प्रमुख है।

ग्वालियर जिले में जन-सहयोग से 400 टेबलेट कम्प्यूटर सरकारी स्कूल को उपलब्ध करवाये गये हैं।

विद्यार्थियों को रोटेशन से बैठाने की व्यवस्था

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा के सभी छात्र समान रूप से प्रथम लाइन में बैठ सके। इसके लिये रोटेशन व्यवस्था को लागू किया गया है। पूर्व में यह देखा गया है कि कक्षा में कुछ ही छात्र स्थायी रूप से आगे की पंक्तियों में बैठते हैं। इससे अन्य छात्रों को यह अवसर नहीं मिल पाता था। इस व्यवस्था में सुधार के लिये रोटेशन व्यवस्था लागू की गई है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों में देश भक्ति भावना मजबूत हो सके। इसके लिये प्रदेश के सभी माध्यमिक, हाई-स्कूल और हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में प्रतिदिन शाला संचालन से पूर्व सम्मानपूर्वक राष्ट्रीय ध्वजारोहण किये जाने की व्यवस्था की गई है।

 

 
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