लाड़लियों की जीवन स्थिति सुधारने, सुरक्षा देने के बदले सीएम कर रहे गलतबयानी : श्रीमती विभा पटेल
खबर नेशन / Khabar Nation
- कितनी लाड़लियों को बड़ी यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलाया, इसका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जवाब दें
- कितनी लाड़लियों को स्वावलंबी बनाने स्व-रोजगार से जोड़ा, ये बताएं राज्य सरकार
- 70 प्रतिशत लड़लियां कुपोषण का शिकार क्यों
- गावों में 26.6 और शहरी क्षेत्र में 13 प्रतिशत नाबालिग लाड़लियों का बाल विवाह कैसे हो रहा
भोपाल: मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं भोपाल की पूर्व महापौर श्रीमती विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाड़ली लक्ष्मी योजना के नाम पर लाड़लियों को गुमराह कर रहे हैं। योजना के चलते कितनी लाड़लियों को योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन दिलाया गया, कितनी लाड़लियों को स्कॉलरशिप बांटी गई, कितनी लाड़लियों को स्वावलंबी बनाने स्व-रोजगार से जोड़ा गया, शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में कितनी लाड़लियों को सरकारी नौकरी मिली, ये अब तक नहीं बताया गया?
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान लाड़लियों के साथ दुष्कर्म, बलात्कार का प्रयास, उत्पीड़न, अपहरण आदि की घटनाओं के कारण देश-दुनिया में है। ये तथ्य एनसीआरबी की रिपोर्ट के आंकड़ों का है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए प्रदेश में दावे तो बहुत किए गए लेकिन राज्य सरकार ने किया कुछ नहीं। वर्तमान स्थिति में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद है कि लाड़ली घर से बाहर निकलने में डरती है।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को अपनी बहन और उनकी बेटियों को अपनी भांजी कहने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज में 10 से 17 वर्ष की 70 प्रतिशत लड़लियां कुपोषण का शिकार हैं। कुपोषण के मामले में ग्रामीण एवं शहरी लड़कियों की हालत लगभग समान है। यह तथ्य ग्वालियर की एक संस्था के सर्वे का है।
श्रीमती विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। इसका उदाहरण प्रदेश में लैंगिक भेदभाव होना है। इसके चलते हर साल करीब 19,302 लड़लियां 5 साल की होते-होते असमय मौत के मुंह में समा जाती हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि सभी राज्यों के मुकाबले 0 से 5 वर्ष की लड़लियों की मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा मप्र में है। यह खुलासा दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट की एक रिपोर्ट से हुआ है।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि मामा के राज में आई रिपोर्ट में बाल विवाह के बारे में भी मप्र आगे हैं। श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की पांचवीं रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि गांवों में 26.6 फीसदी और शहरी क्षेत्र में 13 प्रतिशत नाबालिग लाड़लियों की शादियां की जाती हैं। इसकी वजह से 5 फीसदी से अधिक लाड़लियां 15-19 वर्ष की उम्र में ही मां बन चुकी है। ये अत्यंत दुखद है। इससे जाहिर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लाड़लियों को अपनी भांजी कहना वोट की राजनीति का हिस्सा है। इस कारण वे अपने भाषणों में वास्तविकता को छुपाकर लाड़ली लक्ष्मी योजना को लेकर निरंतर गलतबयानी कर रहे हैं।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि इस झूठे प्रचार की महिला कांग्रेस निरंतर पोल खोलेगी। अब सीएम के बहकावे में प्रदेश की कोई लाड़ली और महिला नहीं आएगी। वह जागरुक हो चुकी है। इसका जवाब विधानसभा चुनाव में देगी। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
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गौरव चतुर्वेदी
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