हड़ताल पर गए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय काटना सरकार का अलोकतांत्रिक रवैया : विभा बिंदु डांगोर
खबर नेशन / Khabar Nation
भाजपा सरकार झूठी वाहवाही लूटने और भीड़ जुटाने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का करती है भरपूर उपयोग
भोपाल: मप्र कांग्रेस कमेटी की महामंत्री, मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष (प्रशिक्षण प्रभारी), विभा बिंदु डांगोर ने प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के साथ राज्य सरकार और उसके मुखिया द्वारा किये जा रहे सौतेले व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है। हडताल पर गये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं का मानदेय काटना सरकार का अलोकतांत्रित रवैया है।
श्रीमती डांगोर ने कहा कि जहां एक ओर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से सरकार द्वारा 5 वर्ष तक के बच्चों की देखरेख, आहार, स्वास्थ्य, जनगणना, वोटरलिस्ट संबंधी विभिन्न कार्य लिये जाते हैं, समय-समय पर उनके द्वारा कई तरह के शासकीय सर्वे कार्य भी कराये जाते हैं। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के मानदेय से चार लाख की राशि काटी जानी सरकार की नियत में खोट को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपनी झूठी वाहवाही लूटने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का अपने राजनैतिक कार्यक्रमां में केवल भीड़ जुटाने का एक मात्र जरिया बना रखा है, जो इस वर्ग के साथ बड़ा कुठाराघात है।
श्रीमती डांगोर ने कहा कि बेहद चिंताजनक है कि जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपने परिवार को छोड़ अन्य परिवार के बच्चों की देखरेख और कार्यों में दिन भर साहसिक कार्य करती हैं ऐसे में अल्प पारिश्रमिक मानदेय में कार्य करने वाली इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के मानदेय में कटौती करना कहां तक न्याय संगत है, राज्य सरकार बताये? वहीं सरकार द्वारा इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं जो विगत कई वर्षों से निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं दे रही है उनको सरकार ने शासकीय सेवक नहीं मानते हुए उनके सेवाभाव पर बड़ा प्रहार किया है।
श्रीमती डांगोर ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर हडताल पर जाने से उनका मानदेय काटा गया, लेकिन सरकार उनके मानदेय बढ़ाने पर कोई विचार नहीं कर रही है, उन्हें कोई सुरक्षा अथवा सुविधा सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है यह राज्य सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के काटे गये मानदेय को सरकार मानवीय आधार पर तुरंत जारी कर उनके हित में निर्णय ले।
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गौरव चतुर्वेदी
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