आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री इनके बच्चों का भला नहीं चाहते : गोपाल भार्गव
- नेता प्रतिपक्ष ने कहा प्रदेश की प्रतिभाओं के साथ अन्याय कर रहे हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ
भोपाल। प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी आदिवासियों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनके हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मानसिकता इसी से समझ में आती है कि वे इन आदिवासियों के बच्चों का भला नहीं चाहते। यही कारण है कि कमलनाथ सरकार अब आदिवासी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के पहली से आठवीं तक के बच्चों की छात्रवृत्ति को ही बंद करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस सरकार प्रदेश की प्रतिभाओं का हनन करने में लगी हुई है। ये बातें नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कही।
कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी में अंतर
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। ये कई मोर्चों पर सिद्ध भी हो चुका है। पहले किसान, फिर युवा और अब पहली से आठवीं तक के बच्चों को भी सरकार नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ किसान, युवा और बच्चों के हिस्से की राशि को उनसे छीनकर नाच-गाना करने वाले हीरो-हीरोइन एवं अन्य फिजूलखर्ची पर उड़ाएंगे। नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार कम से कम इन आदिवासियों के बच्चों पर तो रहम करे और इनके अधिकारों को उनसे न छिने। भाजपा शासनकाल में सरकार ने आदिवासियों की चिंता की और उनके एवं उनके बच्चों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जिनसे इनके जीवनयापन में भी कई परिवर्तन आए। इनके बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा। अब कमलनाथ सरकार इनके छोटे-छोटे बच्चों के अधिकारों की राशि को बचाने की जुगत कर रही है। ये बिल्कुल भी उचित नहीं है।
कांग्रेस सरकार कर रही प्रतिभाओं का हनन-
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाओं को निखारने के लिए, उनमें जज्बा पैदा करने के लिए भाजपा के शासनकाल में विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की गईं थी, जिसके कारण बच्चों में प्रतियोगी व बोर्ड परीक्षाओं के प्रति जागरूकता बढ़ी थी और वे लगातार अच्छे नंबर लाकर प्रदेश का मान बढ़ा रहे थे, लेकिन प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ऐसी प्रतिभाओं को ही आगे बढ़ने से रोक दिया है। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई है, तब से हर तबका परेशान है। सरकार ने प्रदेश की उभरती हुई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोक दिया है। बोर्ड परीक्षाओं में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले बच्चों के लिए भाजपा सरकार में लेपटाॅप देने की शुरूआत की गई थी। इसी तरह इन बच्चों को गढ़ने वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई थी। खेलों के प्रति बच्चों का रूझान बढ़े इसके लिए शालेय खेल प्रतिभा सम्मान शुरू किए गए थे। प्रदेश के जिला पुस्तकालयों को अपग्रेड करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन यह भी बंद कर दी गई। बच्चों से संवाद करने के लिए मिल-बाचें कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसी तरह से और भी कई तरह की योजनाएं प्रारंभ की गईं थी, लेकिन पिछले 14 माह से इन सभी योजनाओं का लाभ एक भी बच्चे को नहीं मिला है।
केंद्र की योजनाओं के लाभ में रोड़ा बन रही प्रदेश सरकार
श्री भार्गव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने युवाओं में तकनीकी ज्ञान विकसित करने के लिए विभिन्न डेवलपमेंट प्रोग्राम्स शुरू किए थे, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार ने युवाओं को दिए जाने वाले इन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स को भी बंद करके रखा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है तो वहीं कांग्रेस सरकार ने युवाओं को रोजगार देने वाले, लाभ देने वाले कार्यक्रमों को ही बंद कर दिया है। चुनाव में कांग्रेस ने युवाओं से जो वादे किए थे उन वादों पर भी कमलनाथ सरकार खरी नही उतर पाई है।