माटसाहिबा के इशारे पर नाचती शिवराज सरकार ?

विरोध के बावजूद मौन रहने पर मजबूर

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एक महिला प्राध्यापक के इशारे पर नाचने को मजबूर है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विगत पन्द्रह दिनों से भारी विरोध दर्ज कराया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अफ़सर मौन रहने को मजबूर हैं। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दबाव बताया जा रहा है जबकि असल वजह अफसर, राजनेता और मंत्री बहुत ही छोटे लेनदेन में संतुष्ट हो गये हैं।

राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत संचालित होने वाले कार्यक्रमों के अंतर्गत भोपाल जिले के जिला शिक्षा केंद्र के डी पी सी पद पर डॉ सीमा गुप्ता की नियुक्ति कर दी गई है। डी पी सी के पद पर आवश्यक अहर्ताएं डॉ सीमा गुप्ता पूरी नहीं करती है। इसी के साथ ही डॉ सीमा गुप्ता पर झूठा शपथपत्र दिए जाने का अपराधिक षड्यंत्र भी किया गया है।

खबर नेशन के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार सीमा गुप्ता के विरुद्ध आर्थिक अपराध शाखा में 2015-16 के 2 प्रकरणों में आर्थिक अनियमितता किए जाने की जांच चल रही है । आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने प्रकरण क्रमांक 2/18 में मामला भी दर्ज कर रखा है। इन आरोपों के चलते भोपाल कलेक्टर ने सीमा गुप्ता को एपीसी के पद से हटाकर मूल विभाग में भेजने के आदेश जारी कर दिए थे । जिसके बावजूद उन्हें पुनः नियुक्ति पर राज्य शिक्षा केंद्र में ले लिया गया । भ्रष्टाचार का मामला केंद्र सरकार के आरटीई एक्ट के तहत प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति में 19.5 करोड रुपए की आर्थिक अनियमितताओं का है।

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा डीपीसी पद के लिए प्रकाशित विज्ञापन में आवेदक के शपथ पत्र को लेकर स्पष्ट तौर पर यह उल्लेख है कि आवेदक के विरुद्ध किसी प्रकार का अपराधिक /न्यायालीन प्रकरण लंबित ना हो, विभागीय जांच संस्थित ना हो एवं किसी भी प्रकार की शास्ति ना लगाई गई हो। इसी के साथ ही प्रतिनियुक्ति अवधि में मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति के संबंध में जारी निर्देश लागू रहेंगे की शर्त जोड़ी गई है। नियमों के अनुसार एक जगह पर प्रतिनियुक्ति में पदस्थ रहने के बाद पुनर्वापसी के लिए 2 साल का कूलिंग पीरियड आवश्यक है पर सीमा गुप्ता के मामले में इस नियम की अनदेखी की गई। 

विज्ञापन में उल्लेखित आवश्यक अहर्ताओं में व्यापक भ्रमण की क्षमता होना शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार डॉ सीमा गुप्ता 65 प्रतिशत दिव्यांग श्रेणी में आती हैं।

इस मामले को लेकर शासकीय शिक्षक संगठन ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग , आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय,  संचालक राज्य शिक्षा केंद्र , भोपाल कलेक्टर को सीमा गुप्ता की नियुक्ति में अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए सौपे गए  ज्ञापन के माध्यम से सीमा गुप्ता को सौंपकर इस पद से हटाए जाने की मांग की है ।

इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक एस धनराजू ने पूरे मामले को सुनने के बाद कहा कि यह पोस्टिंग मैंने नहीं की है।

 

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