पत्रकार वार्ता (संशोधित)

खबरनेशन / Khabarnation

भाजपा का दृष्टि-पत्र न सिर्फ दृष्टि-विहीन है, बल्कि यह निकट दृष्टि दोषों से भरा हुआ है। न ये अवरूद्व विकास का वर्तमान देख रहा है, न ये मध्यप्रदेश के भविष्य को दिशा दे सकता है। भाजपा की सत्ता की भूख धृतराष्ट्र की तरह है, इनकी ादृष्टि तो मध्यप्रदेश के संसाधनों की लूट पर है। इनकी दृष्टि में किसानों की फसलों के दाम के बदले उन्हें मौत के घाट उतारना है। इनकी दृष्टि में महिलाओं को आत्मनिर्भर करने की अपेक्षा उन्हंे अपराधों की आग में झोंक देना है। इनकी दृष्टि में बच्चों का भविष्य अंधकार की आग में झोंक देना है, युवाओं को रोजगार देने की अपेक्षा व्यापमं के माध्यम से उनके भविष्य को लूट लेना है। इनकी दृष्टि में समूचे मध्यप्रदेश को गरीबी और महंगाई की आग में झोंक देना है। जिन्होंने मध्यप्रदेश के साथ लगातार विश्वासघाट किया उनका दृष्टिपत्र विश्वास के लायक नहीं है। महिलाओं के लिये अलग से दृष्टि पत्र लाना भाजपा की आत्मग्लानि और अपराध बोध का परिचायक है। धृतराष्ट्र के अनुयायियों ने प्रदेश के संसाधनों का भरी सभा में चीरहरण किया है। 

किसान:-

हमारे वचन पत्र में जो कर्जमाफी की बात की गई है, इससे लगभग 81 लाख किसान लाभांवित होंगे तथा लगभग 94 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने जा रहे हैं।  उसके मुकाबले भाजपा के दृष्टि पत्र में लघु किसान संबल योजना में तहत 17 लाख सीमांत किसानों को 7 हजार रूपये बोनस की बात कहीं गयी है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मप्र में कुल 1 करोड़ किसान हैं, जिसमें से 48 लाख किसान सीमांत हैं। सिर्फ 17 लाख किसानों को लाभ देना ऊंट के मुंह में जीरा है। जिसका वार्षिक खर्च बमुश्किल दो हजार करोड़ रूपये आना है। 

हम अनाज की उपज के साथ-साथ लहसुन, प्याज, टमाटर और दूध पर बोनस देने की बात कर रहे हैं। इन्होंने स्पष्ट रूप से बोनस देने की बात कहीं नहीं की। हम किसानों के युवा पुत्र-पुत्रियों को एक करोड़ तक का कर्ज रियायती दर पर देकर उनको स्वावलंबी बनायेंगे। इन्होंने किसानों के पुत्र-पुत्रियों की कोई चिंता नहीं की।

हम कृषि से जुड़ी वस्तुओं पर पांच साल तक कर नहीं बढ़ायेंगे, स्पष्ट लिखा है। जबकि ये इस पर चुप हैं और चुनाव के दौरान ही खाद और कीटनाशक पर दाम भाजपा सरकार बढ़ा रही है। हमने अमानक खाद-बीज और कीटनाशक बेचने वालों के विरूद्व कठोर कार्यवाही की बात की है। भाजपा सरकार चुप है। हम कृषि भूमि की रजिस्ट्री में छूट देने की बात कर रहे हैं। भाजपा इस पर चुप है। 

हमनें किसानों का सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1000 रूपये देने तथा किसानों का जीवन बीमा करेंगे तथा कन्याओं की शादी के लिए 51000 रूपये की राशि देंगे।  जबकि भाजपा ने किसानांे के फसलों के दाम मांगने पर उनके सीने में गोलिया दाग दी है। 15 हजार 126 किसानों ने आत्महत्या की और 88 हजार किसानों के खिलाफ बिजली के झूठे मुकद्में दर्ज किये। किसान हितैषी बनने की बात करती है, उसने किसानों की कोई चिंता नहीं की।   

हम विशेष कृषि प्रक्षेत्र बनाने और स्पेशल एग्रीकल्चर जोन बनाने के साथ खाद् प्रसंस्करण के लिये विशेष प्रावधान करेंगे। लेकिन भाजपा ने खाद् प्रसंस्करण, उद्योगांे के लिये जो पूर्व वर्षों में भारत सरकार से राशि आयी थी, उसको इन्वेस्टर्स मीट जैसे कार्यों में खर्च कर दी, किसानांे को कोई लाभ नहीं पहुंचा। आज प्रदेश के मुख्यमंत्री का एक बड़ा झूठ उजागर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विकास दर 20 प्रतिशत है। मगर मोदी सरकार ने राज्य सभा में बताया कि 2017-18 में मध्यप्रदेश की विकास दर 1.38 प्रतिशत रह गयी है। 

उद्यानिकी में केला, संतरा, अंगूर आदि का उत्पादन बढ़ाने एवं फूलों के उत्पादन को बढ़ावा देंगे। इस पर भाजपा मौन है। प्रदेश में पान के उत्पादन को भाजपा ने अनदेखा किया है। 

प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने, हर खेत तक पानी पहुंचाने, सिंचाई की दरों को युक्तियुक्त करण करने और सिंचाई समितियों को सक्षम बनाने की बात की है। जबकि ये इन महत्वपूर्ण विषयों पर इनकी दृष्टि नहीं है। पशुपालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को भाजपा ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। मछली पालन और मछुआरों के उत्थान की कोई बात नहीं की, जबकि हमने इन्हें अधिकार संपन्न बनाने की बात की है। 

हमनें सहकारी समितियों के कर्मचारियों का केडर बनाने और पेंशन देने की बात की है, जबकि भाजपा अभी तक उनकी उपेक्षा करती आयी है। सहकारी संस्थाओं से वार्षिक फसली ऋण 40 हजार करोड़ रूपये करने की बात कर रहे हैं, जबकि प्रदेश में 4529 सहकारी समितियां हैं, उनमें से 3000 समितियों की माली हालत इतनी दयनीय है कि वे वेतन का भुगतान तक नहीं कर पाती। जो बारह हजार प्राथमिक कृषि साख समितियांे के गठन की बात कर रहे हैं, वे नावार्ड के मापदण्ड के अंतर्गत ही नहीं आयेंगी। 

महिलायें:-

हमने कन्याओं को प्राथमिक कक्षा से विश्व विद्यालय तक की निःशुल्क शिक्षा देने की बात की है। नये छात्रावास खोलने, नये शिक्षा परिसर गठित करने, कोचिंग की व्यवस्था की बात की है। लेकिन भाजपा इस विषय पर गंभीर नहीं दिखती। 

हमने रियायती ब्याज दर पर दोपहिया वाहन देने, सेनेटरी नेपकिन निःशुल्क वितरण करने, देवी अहिल्या बाई के नाम से कार्यक्रम प्रारंभ करने की बात की है, उसकी नकल करते हुए भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में उल्लेख किया है।

महिलाओं की सुरक्षा के संबंध मंे कोई ठोस नीति और अपराध रोकथाम की बात नहीं की है और न ही महिलाओं से हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिए कोई बात नहीं की, जबकि हमने महिलाओं की विशेष बटालियन बनाने, महिला पुलिस कर्मी को रियायती दर पर दो पहिया वाहन देने, महिला सुरक्षा चैकी स्थापित करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल किये हैं।  

हमने स्मार्ट फोन 17 से 45 वर्ष की महिलाओं को देने की बात की है। जबकि भाजपा ने केवल आशा कार्यकर्ताओं को ही स्मार्ट फोन देने की बात की है। महिलाओं के स्व-सहायता समूह के लिये हमने समूह का पुराना कर्ज माफ करने, नया कर्ज देने की बात की है। 

महिलाओं के लिए पृथक से दृष्टि पत्र लाना इस बात का परिचायक है कि भाजपा सरकार आत्मग्लानि और अपराध बोध से ग्रसित है। क्योंकि वे महिला अधिकारों की रक्षा में में नाकाम रहे हैं। भाजपा सरकार मंे 46 हजार बेटियां बलात्कारियों का शिकार हुई हैं। मामा राज में 755 प्रतिशत अपहरण बढ़ गये,  249 प्रतिशत नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार बढ़ गया। महिला अपराधों के 85 हजार प्रकरण न्यायालयों में लंबित हंै जो 2004 में मात्र 7000 थे। 

युवा:-

हम युवाओं के भविष्य निर्माण के लिए कृत संकल्पित हैं। युवाओं को 10 हजार वेतन अनुदान और 4 हजार सहभागिता राशि पांच साल तक देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। भाजपा युवाओं को रोजगार देने के लिये गंभीर नहीं है। भाजपा पचास लाख युवाओं के कौशल प्रशिक्षण की बात कर रही है, जबकि युवा उद्यमी योजना और स्वरोजगार योजना में लक्ष्य केवल 50 हजार रखा है। यह महज दिखावा है। 

प्रदेश में आज 35 लाख शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। जबकि सरकारी क्षेत्र में नौकरी देने के लिये कोई नीति नहीं है। इन्होंने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में साक्षात्कार बंद करने की बात की है। ये रास्ता ससुराल पक्ष के लोगों के लिये खोल दिया है। शर्मनाक बात यह है कि एक करोड़ युवाओं के भविष्य को व्यापमं के नाम पर लूटने के बाद भाजपा के पास युवा रोजगार पर बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचता।  

उद्योग:-

पिछली सभी ग्लोबल समिट में प्रदेश की जनता के सामने झूठे प्रचार करके यह बताया था कि करोड़ों रूपयों का निवेश आयेगा, वह निवेश का जबाव दें, कितने युवाओं को रोजगार मिला इसका हिसाब दें। 

उद्योगपतियों को प्रताड़ित करने के लिये उनके भूखंडों का पुनः अधिग्रहण करने की मंशा दृष्टिपत्र में लेकर आये हैं। इससे उद्योग का विकास नहीं विनाश होगा। जबकि हमारे वचन-पत्र में लीज होल्ड भूमि को फ्री-होल्ड करने, दोहरी कर व्यवस्था को समाप्त करने और जीएसटी में छूट देने की बात की है। जबकि इन मुद्दों पर भाजपा का दृष्टिपत्र मौन हैं। 

कुटीर और लघु उद्योग, रेशम उद्योग, पाॅवर लूम के आदि का जाल तो हम प्रदेश प्रदेश फैलायेंगे और युवाओं को रोजगार से लगायेंगे। शिल्पकारों का पुराना कर्ज माफ करने, कुम्हारों को मिट्टी, बसोड़ों को 500 बांस निःशुल्क देने की बात की है, ताकि वे संपन्न हो सके। जबकि भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में इन्हें गंभीरता से नहीं लिया।

बिजली:-

हम किसानों को आधे दाम पर बिजली देंगे। खेतों के लिये 12 घंटे बिजली देंगे। घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक एक रूपये की दर से 24 घंटे बिजली देंगे। जबकि भाजपा बिजली देने के लिए गंभीर नहीं है। जबकि भाजपा ने कृषि पंप सब्सिडी के नाम पर किसानों को धोखा दिया है। 27 लाख कृषि पंप बगैर मीटर के हैं, जिसके नाम पर 9 हजार करोड़ की सब्सिडी हर वर्ष ड्रा की जा रही है, जबकि किसान उतनी ही बिजली का उपभोग करता है, जितना बिल उससे लिया जा रहा है। 

मजदूर/ श्रमिक:- 

प्रदेश में लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक मजदूर और श्रमिक हैं। जबकि श्रमिकों/ मजदूरांे के प्रति दृष्टि-पत्र मौन है।

माँ नर्मदा:- 

माँ  नर्मदा अविरलता से बहती रहे और स्वच्छ रहे, इसके लिए हम गंभीर हैं। जबकि मुख्यमंत्री ने नर्मदा परिक्रमा के नाम से घपला किया, रेत के अवैध उत्खनन में खनन एवं कोयला मंत्री ने हाल ही मंे संसद में बताया है कि मप्र में बीते पांच साल में 42 हजार से अधिक गौण खनिज के अवैध उत्खनन और परिहन के प्रकरण सामने आये हैं। नर्मदा तट के पेड़ों की कटाई करायी। वृक्षारोपण के नाम पर घोटाला किया। 

अनुसूचित जाति/ जन जाति वर्ग:-

हमारे वचन पत्र में अनुसूचित जाति/ जन जाति उप-योजना लाने के लिए अधिनियम बनाने, संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने, पंचायती राज को सशक्त करने, पांचवी अनुसूची को लागू करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा गया है। जबकि भाजपा के दृष्टि-पत्र में ये सभी बिंदु नदारद हैं। इतना ही नहीं अनुसूचित जनजाति की सबसे ज्यादा आबादी होने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को है। उनकी 21 प्रतिशत आबादी मध्यप्रदेश में है, मगर उनके लिये बजट का प्रावधान मात्र 12 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है और कांगे्रसनीत यूपीए सरकार द्वारा वनाधिकार के तहत दिये गये अधिकारों को कुचलकर आदिवासी भाईयों के 3 लाख 63 हजार पट्टे ग्राम सभा की अनुमति के बावजूद निरस्त कर दिये गये है। 

सामान्य वर्ग/ पिछड़ा वर्ग:- 

पिछड़ा और सामान्य वर्गों की चिंता करने वाली भाजपा सरकार ने न तो इनकी आय सीमा बढ़ाने की बात की है, न ही इनके आर्थिक उत्थान के लिये ठोस कार्यक्रम की बात की है। कांगे्रस के वचन पत्र में पिछडे़ वर्ग के लिये    10 लाख तक बढ़ायेंगे। सामान्य वर्ग आयोग का गठन करेंगे तथा इनकी आय सीमा बढ़ायेंगे। 

वरिष्ठ नागरिक:-

हमारे वचन पत्र में 100 साल आयु पूरी करने वाले वरिष्ठ जनों का सम्मान करेंगे और एक लाख रूपये राशि देंगे। जबकि भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों का जो आयोग बनाया था, उसे बंद कर दिया। 

निःशक्त जनों को रोजगार देने, उनको सशक्त बनाने के लिये भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में कुछ नहीं लिखा। 

सरकारी नौकरियां:-

कर्मचारियों के लिये नया वेतन आयोग गठित किया जायेगा। जबकि भाजपा पिछले अग्रवाल वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं कर पाये। अनुकंपा नियुक्ति, कार्यभारित कर्मचारियों की नियुक्तियों के नियमितीकरण, 2005 की पेंशन योजना लागू करने, अध्यापक संवर्ग, शिक्षको, कोटवारों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, पुलिसकर्मियों आदि की समस्याओं के निदान के लिये दृष्टिपत्र मंे कोई गंभीर बातें नहीं हैं। जबकि हमारे वचन पत्र में सभी को नियमित करने, समान वेतन देने, क्रमोन्नति, पदोन्नति समय पर देने आदि की बातें कही गई हैं। 

भाजपा की सरकार को अब दृष्टि पत्र जैसे झूठ परोसने का कोई अधिकार नहीं बचा। क्योंकि मध्यप्रदेश में 2 करोड़ 34 लाख 6 हजार लोग गरीबी से जूझ रहे हंैं। आईपीसी क्राईम देश में सबसे ज्यादा होते हैं। 71 प्रतिशत स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं हैं। 90 हजार बच्चे प्रतिवर्ष अपना पहला जन्मदिन नहीं मना पाते। 48 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। प्रति व्यक्ति आय निचले स्तर पर है। 

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