होशंगाबाद जिले में 118 रेत खदानें, 112 पर अवैध उत्खनन


-  6 खदानों को ही संचालन की अनुमति 
- अवैध खदानों पर रोक नहीं, बढ़ रहे विवाद के मामले
- रेत मजदूर संगठन ने कहा सभी आला अफसरों का संरक्षण अवैध खदानों को प्राप्त 
देवेंद्र वैश्य / खबर नेशन / Khabar Nation
होशंगाबाद। जिले में अवैध उत्खनन, परिवहन जमकर हो रहा है। जिले में 118 रेत खदानों में से 112 में अवैध रेत उत्खनन हो रहा है। इन पर रोक नहीं लगने से रेत माफिया और मजदूरों के बीच विवाद भी बढ़ रहे हैं। रेत माफिया जो वैध नहीं है, उन खदानों पर कब्जा जमा चुके हैं। दिन रात पोकलेन जेसीबी मशीन चलाकर इन अवैध खदानों से करोड़ों की रेत दूसरे जिलों और राज्यों को सप्लाई कर रहे हैं। मशीनों से उत्खनन होने पर मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। इससे लड़ाई झगड़े बढ़ रहे हैं। इधर बिना रॉयल्टी के अवैध रेत के डंपर शहर के बीच से निकल रहे हैं। सरकार को रेत माफियाओं से करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है। लेकिन इन सभी पर रोक नहीं लगाई जाएगी। क्योंकि अवैध खदानों को प्रशासन के सभी आला अफसरों का  संरक्षण प्राप्त है। मंगलवार को समस्त रेत मजदूर संघ ने कलेक्टर को दिए एक ज्ञापन में रेत माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं। अवैध उत्खनन परिवहन की लगातार मिल रही शिकायतें, बांद्राभान से मरोड़ा तक दिन रात उत्खनन, शहर से निकल रहे हैं अवैध ओवरलोड रेत डंपर इन आरोपों को प्रमाणित करते हैं। प्रशासन और जिला खनिज विभाग द्वारा रेत  माफियाओं पर रोक नहीं लगाना इसे सिद्ध भी करता है।  

जिले में 6 खदान वैध, बाकी 118 अवैध
कलेक्टर को ज्ञापन देने आए जिला किसान मजदूर संघ के जिला संयोजक सियाराम कीर ने बताया कि जिले में 6 खदान वैध और बाकी 112 अवैध चल रही है। कुल 118 खदान जिले में संचालित की जाती है। अधिकांश खदानों में अवैध उत्खनन किया जा रहा है। सियाराम कीर ने बताया कि बांद्राभान रेत खदान से लेकर मरोड़ा रेत खदान तक अवैध रूप से रेत का उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। खदानों में पोकलेन मशीन से गहरी खुदाई की जा रही है। जिससे नदियों की स्थिति बिगड़ रही है। पोकलेन  मशीनों से बांद्राभान, बालाभेंट, निसाड़िया टील, मनवाड़ा, पवारखेड़ा,  मरोड़ा, राजोन इन सभी खदानों पर रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। इन सभी खदानों पर जिले के सभी आला अफसरों का संरक्षण प्राप्त है। जिले में सभी अधिकारियों को इन अवैध खनन की जानकारी के बावजूद भी इन पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई जा रही है। जिसमें दिन-प्रतिदिन रेत मजदूर किसान एवं रेत माफियाओं के बीच वाद-विवाद की स्थिति बन रही है। जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि होने की स्थिति में इनकी संपूर्ण जवाबदेही शासन एवं प्रशासन की रहेगी। सभी अवैध खदानों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। इस पूरे मामले में जिला खनिज अधिकारी को फोन लगाया गया लेकिन उन्हें कॉल रिसीव नहीं किया।

नदियों के पिचिन तोड़ी 
जिले कि अधिकांश खदाना के आसपास रेत माफियाओं ने नदियों की पिचिन तोड़कर रास्ता बनाया है। इससे भविष्य में बाढ़ सहित अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। होशंगाबाद तवा और नर्मदा नदी के आसपास एक दर्जन ऐसे स्थान है जहां नदियों के पाट  तोड़ दिए गए हैं। लेकिन प्रशासन रेत माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा।

अवैध खदानों पर कर रहे कार्रवाई
- जिले में 118 रेत खदान हैं। इनमें से 6 वैध तरीके से संचालित हो रही है। खनिज विभाग द्वारा अवैध खदानों पर कार्रवाई की जा रही है। 
-  शशांक शुक्ला, जिला खनिज अधिकारी होशंगाबाद

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