मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन की प्रथम बरसी पर सादर श्रद्धांजलि


 कमलनाथ तुम कैसे भूल सकते हो आपातकाल ?
 आखिर आपातकाल के जनक रहे संजय गांधी के लंगोटिया यार जो ठहरे !
 मध्य प्रदेश के मीडिया कर्मी अब ताजिंदगी यह अंदाज नहीं भूल पाएंगे !
 खबर नेशन / Khabar Nation

सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और वैचारिक आजादी पर पाबंदी लगाने वाला आपातकाल इस देश की संवैधानिक व्यवस्था का काला अध्याय था । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ तो इस आपातकाल को भूल भी कैसे सकते हैं ? आखिरकार कमलनाथ आपातकाल के जनक रहे स्वर्गीय संजय गांधी के दून स्कूल के लंगोटिया यार जो ठहरे थे ।  मध्य प्रदेश की जनता भी 26 अप्रैल 2018 के दिन को शायद ही भूल पाए ,पर हम मध्य प्रदेश के मीडिया कर्मी तो नहीं भूल पाएंगे । आखिर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था कमलनाथ को । तब मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में आगमन के साथ ही कमलनाथ के बालसखा संजय गांधी की तस्वीर लगाई गई थी तो यह समझा गया था कि कमलनाथ शायद अपने मित्र को सम्मान दे रहे हों लेकिन अब जाकर हम मीडिया कर्मियों को पूर्ण रूप से भान हो गया कि संजय गांधी का सबसे खतरनाक पहलू कमलनाथ की सोच में ही जिंदा रहा । चार उदाहरण शायद काफी हों ।
 17 दिसंबर 2018 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ ने शपथ ग्रहण की थी । प्रदेश में निर्णयों का यू टर्न दौर शुरू हुआ ।
 मध्यप्रदेश के पत्रकारों को भाजपा समर्थित पत्रकार समझने की कवायद और पत्रकारों से घृणा का दौर शुरू । 1 साल पूर्ण होने जा रहा है छोटे मझोले समाचार पत्र पत्रिकाएं, न्यूज़ पोर्टल के विज्ञापन बंद कर आर्थिक आपातकाल लगाकर कमर तोड़ दी गई । जो पत्रकार व्यवस्था विरोधी खबरें लिख रहे थे उनके परिवार को भूखा मारने का दौर शुरु और गुलाम बनाने की प्रथा शुरू हो गई ।
 मध्यप्रदेश में हनी ट्रैप का खुलासा हुआ तो आरोपियों के साथ संलिप्तता नजर आते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक पदाधिकारी भूमिगत हो गये। इस मामले को लेकर खबर लिखने वाले पत्रकार अवधेश पुरोहित के पत्रकार बेटे को जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी द्वारा बुढ़ापा बिगाड़ देने की धमकी दी गई और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया सेल द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस के साइबर क्राइम सेल में शिकायत कर दबाव डालने का प्रयास किया गया ।
 और अब तात्कालिक इंदौर में प्रेस का गला घोटने की कोशिश । हनी ट्रैप मामले में लगातार खुलासे कर रहे संझा लोकस्वामी समाचार पत्र समूह के अखबार के दफ्तर और सहयोगी प्रतिष्ठान माय होम होटल और O2 क्लब पर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त विभागों की टीम ने अवैध तरीके से छापा डालकर सील कर दिया । इंदौर जिले की पुलिस अधीक्षक रुचिवर्धन मिश्रा ने अपने आला अफसरों के इशारे पर पत्रकार वार्ता लेकर इंदौर पुलिस के अवैधानिक कार्य को रटी रटाई स्क्रिप्ट के सहारे वैधानिक ठहराने का प्रयास करती रही ।. संझा लोकस्वामी के प्रकाशक जीतू सोनी और उनके पुत्र अमित सोनी (जो स्वयं पत्रकार हैं और इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं) के खिलाफ चार अलग-अलग थानों में  प्रकरणों को दर्ज करवा दिया गया । जीतू सोनी के दूसरे बेटे विक्की और भतीजे लक्की के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज करवा दिया गया । सुनियोजित तरीके से पलासिया थाने में हनी ट्रैप कांड में बने सबसे पहले फरियादी हरभजन सिंह की शिकायत को आधार बनाया गया । इंदौर नगर पालिक निगम में इंजीनियर हरभजन सिंह की अश्लील वीडियो हनी ट्रैप कांड की मुख्य अभियुक्त श्वेता स्वप्निल जैन और श्वेता विजय जैन ने बना लिए थे । जिसके आधार पर मुख्य अभियुक्त हरभजन सिंह से अवैध वसूली करने की तैयारी में थी । गौरतलब है कि हरभजन सिंह के हनी ट्रैप के वीडियो और समाचार संझा लोकस्वामी समाचार पत्र में प्रकाशित और यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किए थे ।सुनियोजित तरीके से हरभजन सिंह ने शिकायत में पलासिया क्षेत्र स्थित होटल माय होम होटल में महिलाओं को बंधक बनाए रखने का भी जिक्र किया था । हरभजन ने इस बात का भी जिक्र किया था इन महिलाओं के वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल किया जा सकता है । इस आधार पर छापा डालकर एमआईजी थाने में आईटी एक्ट की धारा 66 और 67  एवं 67 Aके तहत प्रकरण दर्ज कर अमित सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया ।  छापे के दौरान समाचार पत्र संझा लोकस्वामी के दफ्तर में अखबार में कार्यरत एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं था । संझा लोकस्वामी के संपादक योगेंद्र जोशी तक को परिसर में अंदर नहीं जाने दिया गया । जो सीआरपीसी की धारा 100 की उप धाराओं का पूर्ण उल्लंघन था । सर्च के दौरान परिसर से संबधित व्यक्ति की मौजूदगी अनिवार्य मानी प्रावधानित है।

  एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा के अनुसार पलासिया थाने पर जीतू सोनी और अमित सोनी के खिलाफ असम और पश्चिम बंगाल से लाई गई महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के आरोप में आईपीसी की धारा 370(3) ,346 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया । गौरतलब है कि माय होम होटल के पास वैधानिक तौर पर बार और आर्केस्ट्रा संचालित करने की अनुमति पिछले लगभग 25 सालों से है । माय होम होटल प्रबंधन के अनुसार विगत कई सालों से पलासिया थाने को यहां कार्य करने वाली महिलाओं और अन्य कर्मचारियों की सूचना विधिवत तौर पर दी जाती रही है । पुलिस आज जिस आरोप में जीतू सोनी और अमित सोनी के खिलाफ पंजीबद्ध करते हुए अपनी पीठ  ठोकने का प्रयास कर रही है । उस पर सवाल है कि आखिर 10 सालों में जब होटलों और बारों के सघन चेकिंग अभियान चलाए गए तब यह घटना पुलिस की नजर में क्यों नहीं आई । आज हनीट्रैप के खुलासे के बाद ही क्यों ? 
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा ने बताया कि कनाडिया थाना क्षेत्र में स्थित जीतू सोनी के निवास से अवैध कारतूस बरामद किए गए और अमित सोनी पर आर्म्स एक्ट और शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया । इसी के साथ ही जीतू सोनी के दूसरे पुत्र विक्की सोनी और भतीजे लक्की के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज कर दिया गया।    
 इंदौर पुलिस की संपूर्ण कार्यवाही मध्य प्रदेश शासन के आला अफसरों के इशारे पर षड्यंत्र पूर्वक रची गई और अंजाम दी गई । हम इस कार्यवाही में अगर कुछ गलत था तो उसके खिलाफ है लेकिन जो सही था उसे गलत ठहराने के खिलाफ हैं । और इस पुलसिया कार्यवाई को सही ठहराने और मानमर्दन करने वालों से इतना आग्रह करना चाहूंगा कि सही का समर्थन करें लेकिन कहीं गलत हो रहा हैं तो उसका विरोध जरुर करें ।हम आखिर में यही कह सकते हैं कि अगर यह कार्यवाही न्यायालय द्वारा गलत ठहराई गई तो यह मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन की मौत का संकेत होगा । क्योंकि हम मीडिया कर्मी तो इस मौत का 1 साल पहले स्वीकार कर चुके हैं । इसलिए हम उन सब की ओर से जो अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाते आए हैं सादर श्रद्धांजलि.....

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