'कुलीनों के कुनबे में फिर बड़ी कलह'

दीपक की लौ से कितने और जलेंगे ?

कुनबा बिखरेगा या कोई समेटेगा भी !

सत्तन गुरु की दो लाइन के गहरे अर्थ

लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक गीत दीक्षित हैं।

खबर नेशन / Khabar Nation  

कुलीनों के कुनबे यानि भाजपा में कलह बढ़ती जा रही है.... कुनबा समेटने में कठिनाई तो हो ही रही है,लेकिन ऐन चुनाव के पहले कलह रोक पाना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.... 14 दिग्गज नेताओं को मनाने का काम दिया था... मजा तो ये है कि काम उनको दिया जो खुद नाराज चल रहे थे.... 14 नेताओं में कुछ तो ऐसे नेता हैं... जो बदलती भाजपा को मजबूरी में झेल रहे हैं... अब राजनीति के संत पंडित कैलाश जोशी के पुत्र नाराज हो गए... भंवर सिंह शेखावत कभी भी अपनी भड़ास सार्वजनिक करने में देर नहीं करेंगे... खांटी भाजपा नेताओं के मार्गदर्शन को आधुनिक नेता या तो समझ नहीं पा रहे या समझना नहीं चाहते.... भाजपा को चुनाव को देखते हुए कुनबे को सहेजना तो पड़ेगा ही... साथ ही सबको साथ लेकर भी चुनावी रण में जाना भी होगा...

अब हाल ही में देख लीजिए दीपक जोशी को मनाने की कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रहीं... दीपक की अपनी सैद्धान्तिक हठ है... वो पिता के सम्मान की अनदेखी करने से आहत हैं... सरकार के मुखिया शिवराज भी बात कर चुके... लेकिन बात बनती नहीं दिखी... ऐसे भाजपा में दीपक अभी और कितने जलेंगे कहा नहीं जा सकता... भाजपा के यशवीर नेता क्या करेंगे... यह समय पर छोड़ना लाजमी होगा... जिस कुलीन पार्टी को 80 के दशक में लोगों ने देखा वो आज काफी बदल गई है... आधुनिक भाजपा का कुनबा संस्कृति और सिद्धान्त को ताक पर रख चुका है.... दीपक जोशी चले भी जाएंगे तो भी भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ेगा... ऐसा कुछ नेता मानते हैं... लेकिन चुनाव में कितना फर्क पड़ेगा यह तो वक्त ही जानता है... खैर विरोधी दल कलह का आनंद लेने का कोई मौका नही छोड़ेगा और चौका लगाने में भी देर नही करेगा... सत्तन गुरु की दो लाइन ने भाजपा के भविष्य की व्याख्या की है... जो खूब वायरल हो रही है... सत्तन गुरु के अनुभव को नजरंदाज करना या रघुनंदन शर्मा जैसे नेताओं की सीख से सबक नहीं लेना भाजपा को कहीं भारी तो नहीं पड़ जाएगी... अकेले शिवराज सिंह का ही काम है रायता समेटने का या कोई और भी समेटेगा... 2018 की चूक नहीं दोहराएंगे ऐसा भाजपा कहती आई है... लेकिन 2023 के पहले ऐसा माहौल दिख नहीं रहा... अब देखना होगा कुनबे की कलह कहाँ तक और किस मोड़ पर जाएगी और भाजपा को कहां खड़ा करेगी...

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