वाह वाह मोदी- वाह वाह भाजपा - वाह वाह शिवराज

एक विचार Oct 30, 2018


मध्यप्रदेश भाजपा मोदी की चाटूकारिता के लिए सरदार पटेल का भी अपमान कर बैठी

खबर नेशन / Khabar Nation

आज सुबह अखबारों में एक विज्ञापन देखकर आंखें ठिठक गया गई । इसे पूर्वजों का सम्मान कहा जाए या अपमान सोचने पर विवश होना पड़ रहा है । इसीलिए खबर का शीर्षक वाह वाह मोदी- वाह वाह भाजपा - वाह वाह शिवराज कहने पर विवश होना पड़ रहा ।

विज्ञापन की पंच लाइन है 

आज ऋण उसका चुका रहे हम
उसे अंबर से ऊंचा उठा रहे हम

जिन महापुरुषों की उंगलियां पकड़कर हम बड़े हुए हैं । आज उन्हें आसमां से ऊंचा उठाने का दंभ ! आखिर मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी कहना क्या चाह रही है ।

गुजरात के सरदार सरोवर बांध पर विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी  देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का आज अनावरण है । नर्मदा नदी पर बना यह बांध गुजरात के केवड़िया गांव में स्थित है। सरदार पटेल ने देश की 550 से अधिक रियासतों का एकीकरण कर संगठित भारत के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया था । पटेल इसी के साथ ही किसानों के कल्याण के लिए भी कार्य करते रहे ।इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के हालिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैचू आफ यूनिटी के तौर पर उनकी मूर्ति लगाने का श्रद्धांजलि वश निर्णय लिया था । सरदार पटेल को लेकर देश के इस सम्मान से किसी को भी आपत्ति नहीं है लेकिन जिस तरीके से विज्ञापन में उन्हें आसमान से ऊंचा उठाने का दंभ दर्शाया गया है । यह आने वाले समय में विवाद खड़ा कर सकता है । मध्यप्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहे हैं । भारतीय जनता पार्टी लगातार अखबारों और मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों को लेकर घिरती हुई नजर आ रही है ।

यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है जो विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई की मूर्ति है । इसके पहले 6 देशों में ऊंची मूर्तियां लगाई गई है । इसी के साथ ही यहां पर सरदार पटेल के जीवन पर संग्रहालय, भारत भवन प्रदर्शनी, सभागृह 3D चित्रों का मानचित्रण, पर्यटकों को ऊंचाई से बांध निहारने का अवसर, टेंट सिटी ,जनजाति संग्रहालय हस्तशिल्प बाजार ,फूलों की घाटी और राज्यों के अतिथि गृह बनाकर एक टूरिस्ट प्लेस भी डेवलप किया गया है ।

गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा की फाइल

खास बातें
सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को होगा मूर्ति का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित होगा समारोह
दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का भारत में बना रिकॉर्ड
सरदार वल्लभ भाई पटेल( Vallabhbhai Patel) की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' (Statue of Unity) ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भव्य तरीके से आयोजित समारोह में इस मूर्ति के उद्घाटन की तैयारी है। अपनी ऊंचाई के कारण यह प्रतिमा अब  दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई है। दुनिया में अब दूसरे स्थान पर चीन में स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई 153 मीटर है। गुजरात सरकार को उम्मीद है कि इस विशालकाय मूर्ति को देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों के पर्यटक भी आएंगे। इस नाते सरकार की ओर से पर्यटकों के ठहरने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। सरकार आमदनी के लिए टिकट भी लगाएगी। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मूर्ति बनाने वाली कंपनी एलएंडटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रमण्यन ने कहा, "स्टैच्यू आफ यूनिटी जहां राष्ट्रीय गौरव और एकता की प्रतीक है वहीं यह भारत के इंजीनियरिंग कौशल तथा परियोजना प्रबंधन क्षमताओं का सम्मान भी है।" 

10 बड़ी बातें
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है। प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है। 

इस मूर्ति का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है। देश-विदेश में अपनी शिल्प कला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था । इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है। इसके अलावा वे बांबे आर्ट सोसायटी के लाइफ टाइम अचीवमेंट समेत अन्य पुरस्कार से भी नवाजे गए हैं ।  वह इन दिनों मुंबई के समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा की डिजाइन भी तैयार करने में जुटे हैं। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी ।

चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था। मगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ने अब चीन में स्थापित इस मूर्ति को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया है। 182 मीटर ऊंचे 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का आकार न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से दोगुना है।

मूर्ति बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है। जबकि  स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में 11 साल का वक्त लगा। कंपनी के मुताबिक यह प्रतिमा न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है.। 

सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया। कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के  आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कंपनी ने कहा कि रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया। 

 इस स्मारक की आधारशिला  31 अक्तूबर, 2013 को पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी गई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके लिये बीजेपी ने पूरे देश में लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया।

 सरदार पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गये। वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे। 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये ।

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