प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा सफल सिद्ध हुई हैं

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महामंत्री और सांसद अजयप्रताप सिंह ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अनौपचारिक चर्चा के बाद यह सहमति बनी हैं कि भविष्य में डोकलाम जैसा कोई दोहराव नहीं होगा। सिंह ने कहा कि राहुल गांधी आज दुनिया के एक ऐसे सशक्त प्रधानमंत्री से डोकलाम का हिसाब ले रहे हैं, जिसके सम्मान में स्वयं चीन के राष्ट्रपति ने तमाम प्रोटोकाल तोड़ दिये। चीन की राजधानी से बाहर निकलकर नरेंद्र मोदी का दो बार स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा सफल सिद्ध हुई हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दुनिया का इतिहास जानते तो ऐसी बचकानी बातें न करतेे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73 दिन तक चीन की रेड आर्मी को भारत की दृढ़ता का ऐसे समय स्वाद चखाया जब दुनिया के तमाम देश उसके सामने नतमस्तक होते रहे हैं। चीन ने जापान के सेन काकू द्वीप पर तनाव पैदा किया तो जापान ने मुड़कर नहीं देखा। जब साऊथ चाइना सी पर चीन ने आक्रामक रवैया अपनाया एशियाई देशों के साथ अमेरिका ने भी प्रतिरोध करने की हिम्मत नहीं जुटाई, लेकिन जब डोकलाम पर चीन ने नजर गढ़ाई तो भारत ने अपना झंडा गाढ़ दिया और चीन को पीछे लौटना पड़ा। राहुल गांधी प्रधानमंत्री के 56 इंच के सीने का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा। दो दिन में चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जिस मैत्री भाव से चर्चा हुई। मोदी ने पंचशील को भी व्यवहारिक कसौटी पर खड़ा कर दिया हैं। समान दृष्टिकोण, बेहतर संवाद, मजबूत रिश्ता, सांझा विचार और संाझा समाधान अगला एजेंडा बन गया हैं।

अजय प्रताप सिंह ने कहा कि सीमा पर शांति विकास की प्राथमिक आवश्यकता हैं जो सुनिश्चित की जा चुकी हैं। सामरिक संवाद की हाट लाईन बनाई जायेगी। ऐसे में सवाल उठता हैं कि जो खातरी आज राहुल गांधी, मोदी से कराना चाहते हैं। यदि कांग्रेस साठ के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू से चाहते तो आज भारत की तस्वीर कुछ और होती, लेकिन देर आयत दुरूस्त आयत। वुहान में नये विहान के संकेत मिल चुके हैं। मोदी और शी जिनपिंग ने वैश्वीकरण और विश्व में स्थायित्व की चुनौती को समझा हैं और अच्छे दोस्त और पड़ोसी साबित होने की जो अपेक्षा की हैं उससे भारत और चीन ही नहीं विश्व के पर्यावरण और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा। इस उपलब्धि पर राहुल गांधी को गर्व करना चाहिए क्योंकि यह किसी राजनैतिक दल की नहीं सवा अरब भारतीयों की उपलब्धि हैं। राष्ट्रीय उपलब्धि पर गर्वित होना हर राष्ट्रवादी का फर्ज हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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