झाबुआ में कांग्रेस के पास एक चेहरे के अलावा और कोई नहीं है


झाबुआ की जनता लगातार दो बार उस चेहरे को नकार चुकी है
-विश्वास सारंग

खबर नेशन / Khabar Nation

भोपाल । पूर्व सहकारिता मंत्री व नरेला विधायक विश्वास सारंग ने झाबुआ उपचुनाव को लेकर कहा कि कांग्रेस के पास झाबुआ में एक चेहरे के अलावा कोई चेहरा नहीं है। विधानसभा चुनाव में झाबुआ की जनता ने कांतिलाल भूरिया के राजकुमार को नकार चुकी है और लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया को नकार दिया है अब उपचुनाव में भी कांतिलाल भूरिया बुरी तरह से हारने वाले हैं।
       श्री सारंग ने कहा कि जैसे राष्ट्रीय स्तर पर गांधी परिवार के अलावा कोई चेहरा नहीं है उसी तरह झाबुआ में भी कांतिलाल भूरिया के अलावा कोई चेहरा नहीं है। झाबुआ की जनता वर्षों से एक ही एक चेहरा देखकर उकता चुकी है इसलिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांतिलाला भूरिया को नकार चुकी है।
       विश्वास सारंग ने कहा कि कांतिलाल भूरिया वर्षों तक झाबुआ क्षेत्र से सांसद रहे केन्द्र सरकार में मंत्री भी रहे लेकिन झाबुआ में कोई भी विकास नहीं कराया। कांतिलाल भूरिया ने वनवासियों का सिर्फ शोषण किया है और वनवासियों के नाम पर अपनी राजनीति चमकायी है। कांतिलाल भूरिया ने झाबुआ का विकास नहीं किया उन्होंने झाबुआ की जनता के साथ विष्वासघात किया है इसलिए झाबुआ की जनता उन्हें लगातार सजा दे रही है।
        श्री सारंग ने कहा कि अब झाबुआ की जनता कांतिलाल भूरिया और कांग्रेस की चालों को अच्छे से समझ चुकी है इसलिए पहले विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र को बुरी तरह से हराया फिर लोकसभा चुनाव में खुद कांतिलाल भूरिया को हराया। उन्होंने कहा कि झाबुआ उपचुनाव में वातावरण भाजपा के पक्ष में और क्षेत्र की जनता भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से जिताने जा रहीे है।
नगरीय निकायों में अध्यक्ष और महापौरों के सीधे चुनाव न कराकर
कमलनाथ सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है

      पूर्व सहकारिता मंत्री व नरेला विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि कमलनाथ सरकार नगरीय निकायों में अध्यक्ष और महापौरों के सीधे चुनाव न कराकर लोकतंत्र का गला घोंट रही है।
      श्री सारंग ने कहा कि कमलनाथ सरकार को पता है कि अगर महापौर और अध्यक्षों के सीधे चुनाव होंगे तो कांग्रेस की बुरी तरह से हार होगी क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो वायदे किये थे सरकार बनने के बाद उनमें से एक भी वायदे को पूरा नहीं किया है। इस कारण कांग्रेस को लेकर प्रदेश की जनता में आक्रेाश है। अब कांग्रेस यह सोचकर पार्षदों से अध्यक्ष और महापौर के चुनाव करा रही है कि पार्षदों को सत्ता का भय, लोभ और लालच दिखाकर अपने अध्यक्ष और महापौर बनवा लेगी।

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