मुर्गीपालन से पन्नू बाई को मिली साहूकारी ऋण से मुक्ति

भोपाल। सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकासखण्ड के ग्राम बड़ोखर की पन्नूबाई को मुर्गीपालन ने न केवल साहूकार के ऋण से मुक्ति दिलवाई है, बल्कि एक साल में लगभग 4 लाख रूपये की कमाई भी कराई है।

पन्नूबाई अपने पति कैलाश साकेत के साथ मजदूरी करके परिवार का लालन-पालन करती थी। दोनों की मजदूरी इतनी ही आती थी कि परिवार का भरण-पोषण कर सके। परिणामस्वरूप पन्नूबाई को साहूकार से ऋण लेना पड़ता था, जिसकी अदायगी उसकी मजदूरी से पूरी नही हो पाती थी।

सीधी जिले का चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में हो जाने पर पन्नूबाई ने मुर्गीपालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया और पति के साथ मिलकर मुर्गीपालन करने लगी। योजना के द्वितीय चरण में पन्नूबाई ने मुर्गीपालन के लिए शेड भी तैयार कराया। अब पन्नूबाई का पूरा समूह मुर्गीपालन की गतिविधि से जुड़ गया है।

आज पन्नूबाई के समूह की बचत 19 हजार 540 रूपये हो गई है। पन्नूबाई के परिवार की वार्षिक आय 3 लाख 84 हजार रूपये हो गई है। पन्नूबाई से प्रेरणा लेकर ग्राम की अन्य महिलाएँ भी मुर्गीपालन व्यवसाय अपनाने के लिये आगे आ रही हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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