संघर्ष हमारी पहचान, सरकार की हर ज्यादती के खिलाफ मैदान में उतरें पार्टी कार्यकर्ता

 

 

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश स्तरीय बैठक में वक्ताओं, वरिष्ठ नेताओं ने किया आह्वान

 

 खबर नेशन / Khabar Nation

 

                भोपाल। संघर्ष भारतीय जनता पार्टी और उसके हर कार्यकर्ता की पहचान रही है। विशेषकर मध्यप्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता इसके लिए पूरे देश में जाने जाते हैं। हमारे संघर्ष का समय शुरू हो चुका है। हमें एकतरफ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एकजुट विरोधी दलों के दुष्प्रचार के विरोध में संघर्ष करना है, तो दूसरी तरफ प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा हमारे कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के लिए की जा रही द्वेषपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ संघर्ष करना है। यह वैचारिक युद्ध है, धर्मयुद्ध है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि इस युद्ध में पूरी सक्रियता से शामिल हों और मैदान संभालें। यह आह्वान पार्टी के प्रदेश स्तरीय आवश्यक बैठक में मंचासीन वरिष्ठ नेताओं ने किया। बैठक में आजीवन सहयोग निधि एवं अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। शुक्रवार को हुई इस बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रभात झा, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत, नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव एवं पूर्व मंत्री एवं मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा मंचासीन थे।

 

सरकार की ज्यादती के खिलाफ 24 को पूरी ताकत से मैदान में उतरें : राकेश सिंह

 

                बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार मूल मुद्दों से ध्यान बंटाने के लिए नए-नए विषय लेकर आती है और वर्तमान में जो अतिक्रमण विरोधी मुहिम चल रही है, वह भी ऐसा ही हथकंडा है, जिसमें साफ तौर पर ज्यादती की जा रही है। हमारे कार्यकर्ताओं, निर्दोष नागरिकों, गरीब दुकानदारों को निशाना बनाया जा रहा है और कांग्रेस के नेताओं समर्थकों के अवैध निर्माणों की भी अनदेखी की जा रही है। सरकार की इस ज्यादती के खिलाफ हमें 24 तारीख को पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना है और पूरे प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन करना है। श्री सिंह ने कहा कि हमें अपनी उस धार और पैनेपन को फिर से सक्रिय करना होगा, जिसके लिए हम भाजपा के कार्यकर्ता जाने जाते हैं। मध्यप्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक साल में 17 आंदोलन किए हैं, इससे स्पष्ट है कि क्षमता आपके अंदर है। उठें और कांग्रेस सरकार की ज्यादती के खिलाफ आवाज उठायें, आंदोलन करें। उन्होंने कहा कि जिसके पास मोदी जी, अमित शाह और नड्डा जी जैसा नेतृत्व है, उसकी आवाज कभी कमजोर नहीं हो सकती। श्री सिंह ने कहा कि यह सरकार गूंगी, बहरी और मोटी चमड़ी वाली है, हमें इसे रोज कठघरे में खड़ा करना होगा। श्री सिंह ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार ने जो काम किए हैं, उनके बारे में कल्पना भी मुश्किल थी। दो दिन पहले भी किसी को यह आभास नहीं था कि कश्मीर से 370 और 35 ए हटेगी। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बनाकर हमारे नेतृत्व ने अपना काम कर दिया है, अब उनके इस काम को घर-घर तक पहुंचाना, लोगों को समझाना हमारी जिम्मेदारी है। श्री सिंह ने आह्वान किया कि 20 तारीख से पहले हर बूथ से नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में कम से कम 100 मिस कॉल 8866288662 नंबर पर कराएं।

 

जहां अन्याय-अत्याचार दिखे, जूझ जाओः शिवराज सिंह चौहान

 

                बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि आंदोलन के लिये किसी बड़ी भारी पूर्व तैयारी या भूमिका की जरूरत नहीं होती। यह तात्कालिक विषय है। आपको जहां जनता परेशानी में दिखे, जूझ जाएं। जहां भी अन्याय और अत्याचार दिखे, जूझ जाओ। श्री चौहान ने वीर सावरकर जी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पुस्तक में देश के 6 स्वर्णिम अध्यायों की चर्चा की है। हमारी केंद्र सरकार के कार्यकाल में देश का यह सातवां स्वर्णिम अध्याय चल रहा है, जिसे लिखने का काम मोदी जी, अमित शाह जी की टीम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमने कश्मीर से 370 हटते हुए देखी है, जिससे डॉ. मुखर्जी, पं. उपाध्याय और राजमाता जैसे हमारे पूर्वजों की आत्माएं प्रसन्न हो रही होंगी। श्री चौहान ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है। इस कानून के खिलाफ सारे विरोधी दल एकजुट हो गए हैं। जेएनयू से लेकर जामिया तक और गली-गली में इस कानून को लेकर गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक रूप से प्रताड़ित हुए लोगों को देश की नागरिकता देने का कानून है, इसमें कुछ भी मुस्लिम विरोधी नहीं है। श्री चौहान ने कहा कि सीएए को लेकर गांव-गांव में जाएं, लोगों को सही बात समझाएं। उन्होंने कहा कि यह एक वैचारिक युद्ध है और हमें इसे हर हाल में जीतना है। आजीवन सहयोग निधि की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इसकी शुरुआत पार्टी के कामकाज के लिये उचित और पारदर्शी तरीके से धनराशि जुटाने के उद्देश्य से की गई है। इसलिए जिन कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों पर इसकी जिम्मेदारी है, वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिना संकोच के निकल जाएं, तो कोई परेशानी नहीं आएगी।

 

कार्यकर्ताओं को डराने टारगेट करके कार्रवाई कर रही कांग्रेस सरकारः प्रभात झा

 

                बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद श्री प्रभात झा ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार टारगेट करके कार्रवाई कर रही है, ताकि भाजपा कार्यकर्ता डर जाएं। प्रदेश के हर जिले में कार्यकर्ताओं को डराया-धमकाया जा रहा है। प्रशासन का जैसा दुरुपयोग कमलनाथ सरकार कर रही है, वैसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारा मूल स्वभाव ही संघर्ष का है और संघर्ष का समय आ गया है। हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ डटकर खड़ा होना होगा। सरकार की इस ज्यादती के खिलाफ निडर होकर संघर्ष करें, लेकिन अनुशासित रहते हुए करें। संघर्ष से पहले भूमिका  बनाएं, तथ्यात्मक जानकारी लेकर आएं और संगठन की सहमति से संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि संघर्ष से ही नेतृत्व का जन्म होता है। श्री झा ने कहा कि सतर्क और जागरूक रहकर मुद्दों की पहचान करें। उन्होंने पीएससी के पेपर में भील समाज के अपमान का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें आदिवासियों को यह बताना होगा कि यह सरकार आदिवासियों को अपराधी कहती है।

 

रसूखदारों को छोड़कर गरीब ठेले और खोमचेवालों को बेदखल कर रही सरकार : भार्गव

 

                बैठक को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में माफिया शब्द की शुरुआत बेईमानों ने की है। यह सरकार माफिया के नाम पर गरीब ठेलेवालों, गुमठी वालों, खोमचेवालों को निशाना बना रही है और कहती है कि माफिया खत्म कर दिया। जबकि रसूखदार लोग पूरी तरह बचे रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की इस द्वेषपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ कार्यकर्ता खड़े हों। श्री भार्गव ने कहा कि वास्तविकता यह है कि यह सरकार रेत माफिया, शराब माफिया और ट्रांसपोर्ट माफिया के जरिए अपनी और कांग्रेस नेताओं की जेबें भरने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि रेत के ठेके होने के बावजूद करोड़ों का अवैध उत्खनन जारी है और उसका पैसा कांग्रेस और उसके नेताओं को मिल रहा है। शराब माफिया कांग्रेस के लोग चलाते हैं और अब शराब दुकानों का एक्सपांसन करके प्रदेश सरकार उनके लिये और संसाधन जुटा रही है। श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश में ट्रांसपोर्ट माफिया गाड़ी के पहियों की संख्या के आधार पर वसूली कर रहा है। ट्रांसपोर्ट बैरियर लूटपाट का अड्डा बने हुए हैं, जिनके कारण पूरे देश में मध्यप्रदेश की बदनामी हो रही है। श्री भार्गव ने कहा कि इस तरह से जो हजारों करोड़ रुपया इकट्ठा हो रहा है, उसका इस्तेमाल यह सरकार निकाय चुनावों में खरीद फरोख्त के लिये करने वाली है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सरकार की इस मनमानी के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश का हर वर्ग पीड़ित और प्रताड़ित है, इसे लेकर लोगों के बीच जाएं। 

 

सीएए के पक्ष में जितने लोग सड़क पर उतरे, उससे 7 गुना मिस कॉल कराएं : भगत

 

                बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में प्रदेश के कई शहरों में अभूतपूर्व प्रदर्शन हुए हैं। लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि जितने लोग इस कानून के पक्ष में सड़कों पर उतरे हैं, उससे 6-7 गुना मिस कॉल कराएं ताकि उनका समर्थन दर्ज किया जा सके। श्री भगत ने कहा कि सीएए के समर्थन में बड़ी गोष्ठियां और कार्यक्रम बड़ी संख्या में हुए हैं, लेकिन 20 जनवरी तक उन इस संबंध में आयोजित छोटी गोष्ठियों की जानकारी भी भेज दें। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखें कि किसी पोलिंग बूथ पर घर-घर संपर्क छूटा न हो। उन्होंने कहा कि पोलिंग बूथ की प्राथमिक समितियों की डाटा एंट्री करा लें और सक्रिय सदस्यता की सूची तथा राशि भी अनिवार्य रूप से भेज दें। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि 11 फरवरी को हम समर्पण दिवस के रूप में मनाते हैं, इसलिए इस तारीख तक आजीवन सहयोग निधि से संबंधित काम पूरे कर लिए जाएं। इसके लिए हर जिले में प्रभारी बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि आजीवन सहयोग निधि पार्टी के प्रति समर्पण की प्रतीक है और पार्टी के संचालन की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण है। 

 

                मंच का संचालन प्रदेश महामंत्री श्री बंशीलाल गुर्जर एवं आभार प्रदेश मंत्री श्री कन्हाईराम रघुवंशी ने माना। बैठक में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, प्रवक्ता, समस्त सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष, मोर्चा अध्यक्ष एवं संभागीय संगठन मंत्री उपस्थित थे।

 

 

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