मध्यप्रदेश का एक मंत्री ऐसा जो नहीं लेता हैं अपने बच्चों की छात्रवृत्ति

अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग में ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा

अब घर बैठे योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे हितग्राही

खबरनेशन / Khabarnation

मध्यप्रदेश शासन के अनुसूचित जाति एवं जनजाति राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य एक मंत्री ऐसे हैं जो पिछले 19 सालों से अपने बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का लाभ नहीं ले रहे हैं। श्री आर्य आरक्षित वर्ग से आते हैं। इस बात का खुलासा उन्होंने उस वक्त पत्रकारों से किया जब मंत्रालय में मध्यप्रदेश शासन के जनजाति कार्य विभाग द्वारा ऑनलाईन एवं कम्प्यूटरीकृत पंजीयन कराने की सुविधा का शुभारम्भ किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि वे जब पहली बार विधायक बने तो उन्होंने यह निर्णय किया कि चूंकि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सक्षम बना दिया हैं इसलिए अब बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति योजना का लाभ न लिया जाये।

गौरतलब हैं कि श्री आर्य के दो बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े बेटे प्रशांत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज से बी.कॉम ऑनर्स किया हैं। बड़ी बेटी प्रियंका ने एमएससी की हैं। और छोटा बेटा ईशान स्कूल में पढ़ रहा हैं। मंत्री आर्य के बेटे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल मे अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रतिभावान छात्रों को मिलने वाले पुरस्कार के लिए भी कोई आवेदन नहीं किया। जबकि दसवीं और बारहवीं क्लॉस में उनके 90 प्रतिशत से अधिक अंक आये थे। 

श्री आर्य द्वारा शुभारंभ की गई योजना में अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति का कोई भी व्यक्ति कियोस्क पर जाकर विभाग की वेबसाइट के माध्यम से पंजीयन कर सकता हैं एवं विभाग द्वारा चलाई जा रही 70 योजनाओँ में आवेदन कर सकता हैं। आवेदन की स्थिति और स्वीकृति एसएसएस और ईमेल के माध्यम से हितग्राही को दी जायेगी। पंजीयन एवं आवेदन के लिए आवेदक को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में छात्रावास में प्रवेश, प्रतिभायोजना, यूपीएससी कोचिंग, सिविलसेवा प्रोत्साहन योजना, आकांक्षा योजना, साइकिल प्रदाय योजना भी शीघ्र ऑनलाइन लांच की जाएगी। उक्त पंजीयन में मात्र 3 से 4 मिनट लगते हैं और इस पंजीयन के लिए हितग्राही का आधार नंबर, डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र, समग्र आई डी होना जरूरी हैं।

इस अवसर पर विभाग के कमिश्नर दीपाली रस्तोगी, आनंद शर्मा, राजेश मिश्रा मौजूद थे।

Share:


Related Articles


Leave a Comment