शिवराज का अहम और कांग्रेस की एकता से उभरे नेता प्रतिपक्ष के लिए भाजपा से गोपाल

 

कैलाश विजयवर्गीय ने पहली बार दी शिवराज को पटकनी

खबर नेशन 

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अहम और कांग्रेस विधायकों की एकता ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के लिए गोपाल भार्गव के पक्ष में पटकथा लिख दी ।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पहली बार अपने राजनैतिक दुश्मन शिवराज सिंह चौहान को जहां सीधे सीधे पटकनी दे मारी वहीं मध्यप्रदेश के भाजपा शासनकाल में संसदीय और जनसंपर्क मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा को भी चारों कोने चित्त कर दिया । 
भाजपा कार्यालय में यह समाचार लिखे जाने के दौरान मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर अहम बैठक अंतिम दौर में चल रही है । केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश के भाजपा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे विधायकों से रायशुमारी करने के बाद अंतिम फैसला लेने के लिए तैयार बैठे हैं।
गोपाल भार्गव का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए तय हो चुका है । 
शिवराज कैंप ने पहले मध्यप्रदेश में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम जोर-शोर से आगे बढ़ाया । जिसके बाद शिवराज सिंह दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकात करने गए । आला राष्ट्रीय नेताओं ने शिवराज को स्पष्ट इंकार कर दिया । जिसके बाद शिवराज ने भोपाल में पत्रकारों को यह कहकर चौंका दिया कि वे नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से इंकार कर चुके हैं । इसके बाद नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नरोत्तम मिश्रा , भूपेंद्र सिंह ,  गोपाल भार्गव और राजेंद्र शुक्ला के नाम दौड़ में शामिल हो गए । 
जहां शिवराज कैंप से भूपेंद्र सिंह और विकल्प के तौर पर राजेंद्र शुक्ल का नाम जोर-शोर से आगे बढ़ाया गया । वहीं नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस के अंसंतुष्टों के संपर्क में रहने का हवाला देते हुए अपने आपको मजबूत दावेदार के तौर पर स्थापित किए रहे । लेकिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सारे विधायकों के मौजूद रहने से नरोत्तम के दावे की हवा निकल गई ।
आलाकमान और विधायकों ने रायशुमारी में गोपाल भार्गव के पक्ष में फैसला दिया । गोपाल भार्गव के पक्ष में रायशुमारी बनाने में कैलाश विजयवर्गीय ने अहम भूमिका निभाई । बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने गोपाल भार्गव के पक्ष में प्रस्ताव रखा । जिसका समर्थन नरोत्तम मिश्रा ने रखा । आदिवासी विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया ।

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