और अंततः रो पड़े शिवराज

 

खबर नेशन / Khabar Nation

जब जब मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसी मुसीबत में फंसे तो हमेशा अपने सहज सरल मासूम चेहरे के साथ पत्रकारों के बीच आकर विनिंग शॉट जमाकर चल दिए । पर आज मुख्यमंत्री निवास में बुलाई पत्रकार वार्ता में जो उन्होंने कहा वह भले ही पुराने साहस के समान हो लेकिन उसमें आज क्रंदन के स्वर ज्यादा नजर आए । मुख्यमंत्री कह बैठे कि चुनाव आयोग ने आचार संहिता की आड़ में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया। शिवराज ने कहा कि वे विदिशा में वरिष्ठ भाजपा नेता दांगी की शवयात्रा में शामिल होना चाहते थे पर आयोग के कारण नहीं गये ।
इक छोटा सा सवाल क्या चुनाव आयोग भारत के किसी व्यक्ति को किसी शादी , पारिवारिक कार्यक्रम या शवयात्रा और शोक बैठक में जाने से रोकता है ? जबाब संभवतः नहीं बल्कि यकीनन नहीं ही होगा । शादी, पारिवारिक कार्यक्रम, शवयात्रा और शोक बैठक पूर्णतः निजी कार्यक्रम होते हैं । बस आयोग ने इन जगह पर चुनाव प्रचार को प्रतिबंधित किया है । 
आखिर यह शिवराज का रोना नहीं तो क्या है । मध्यप्रदेश में चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुए हैं । मतदान प्रतिशत बढ़ा है । राजनैतिक प्रेक्षक और विश्लेषक चुनाव का आकलन करने में असफल रहे हैं। राजनैतिक कार्यकर्ता भी असफल साबित हुए हैं । सूत्रों के अनुसार सरकार के गुप्तचर विभाग भाजपा के कमजोर रहने का संकेत दे रहे हैं। इन हालात में शिवराज सिंह चौहान के कथन और प्रर्दशन को देखकर दावे के साथ कहा जा सकता है अंततः शिवराज आज रो दिए ।

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