शिवराज के किरार प्रेम के चलते कमलनाथ की एक अवैधानिक राजनीतिक नियुक्ति माफ


कमलनाथ ने सरकार के गिरने के दौरान उपजे राजनीतिक संकट में की थी नियुक्ति
खबर नेशन /Khabar Nation
मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो काम सबसे पहले किया वो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल की राजनीतिक नियुक्तियों को खत्म करने का किया । यह अलग बात है कि उन नियुक्तियों पर काबिज कांग्रेसी नेता कोर्ट के आदेश से अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं । 
कमलनाथ के मुख्यमंत्री कार्यकाल के अंतिम दौर में की गई नियुक्तियां ताबड़तोड़ तरीके से की गई थी । शर्मनाक पहलू यह है कि कमलनाथ सरकार पर संकट बना देखकर भी कांग्रेसी राजनीतिक पद हथियाने से बाज नहीं आए । ऐसी ही एक विवादास्पद नियुक्ति मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भारतीय वन सेवा के अधिकारी महेंद्र सिंह धाकड़ की रही ।प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस नियुक्ति को लेकर लगभग पांच करोड़ रुपए का अवैधानिक लेन-देन हुआ है ।
गौरतलब है कि भारतीय वन सेवा 1989 बैच के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक / प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ भोपाल महेंद्र सिंह धाकड़ इन दिनों मध्यप्रदेश राज्य मत्सय विकास निगम में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ थे ।मध्यप्रदेश सरकार पर छाए राजनैतिक संकट के बीच नौ मार्च को अचानक वल्लभ भवन में इस मामले से संबंधित फाइल तेजी से दौड़ पड़ी । मध्यप्रदेश शासन के प्रर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 7-1/2019/32-3 दिनांक 9 मार्च 2020  राज्य शासन द्वारा जल (प्रदूषण  निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 ( क्रमांक 6 सन् 1974 ) की धारा 4 की उपधारा 2 के खण्ड क में प्रदत्त शक्तियों को उपयोग में लात हुए यह नियुक्ति की गई है ।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ  प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल के निर्देश पर दो विभागों के बीच ताबड़तोड़ सामंजस्य स्थापित हो गया । इस नियुक्ति में प्रतिनियुक्ति के नियम और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया ।
धाकड़ की रिश्तेदारी मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता से है। यह जानते हुए भी नियुक्ति आदेश निकालने के पूर्व अवैधानिक तरीके से आर्थिक लेन-देन संपन्न कर दिया गया और नियुक्ति दे दी गई।
इस नियुक्ति में हुई गड़बड़ी से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी है लेकिन इस नियुक्ति को समाप्त किए जाने को लेकर ढ़ाई माह में भी कोई कदम नहीं उठाए गए । इसकी एकमात्र वजह मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष महेंद्र सिंह धाकड़ का किरार जाति से होना है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं किरार जाति से आते हैं । अगर शिवराज के कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो व्यापम से लेकर इस मामले तक मुख्यमंत्री का किरार प्रेम स्पष्ट नजर आता है । व्यापम में दागी रहे गुलाब सिंह किरार को मध्यप्रदेश पुलिस अंतिम समय तक तलाशती रही और गुलाब सिंह मुख्यमंत्री चौहान के अगल बगल आगे पीछे की अवसरों पर नजर आते रहे ।

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