लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी बनें झाबुआ के आदिवासी

 

रोजगार छोड़ गुजरात से आए और मतदान कर बैठे

खबर नेशन / Khabar Nation
भारत में निर्वाचन प्रक्रिया में उल्लेखनीय योगदान निभाए जाने को लेकर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा  झाबुआ के जिला निर्वाचन अधिकारी  आशीष सक्सेना को राष्ट्रीय अवार्ड 2018 प्रदान कर पुरस्कृत किया गया है । दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित बेस्ट इलेक्टोरल प्रेक्टिस अवार्ड  मतदाता को शिक्षित करने और मतदान तक पहुंच बनाए जाने के लिए दिया गया है । मध्यप्रदेश में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव 2018 में महिला मतदाताओं ने झाबुआ में जबरदस्त भूमिका निभाई । इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे ।
झाबुआ मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाके में गुजरात की सीमा से सटा जिला है।जहां के लाखों मजदूर हर रोज पलायन करते हैं और गुजरात में रोजगार तलाशते हैं । ऐसे में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2018 में मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले जाने की मुहिम के तहत चुनाव पूर्व आने वाले त्योहार दीपावली पर पूरा जिला प्रशासन गुहार लगा बैठा और झाबुआ का मतदान 7.38% बढ़ गया । नेशनल वोटर डे पर देश के 4 जिलों को इस मामले में सर्वश्रेष्ठ मानते हुए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुरुस्कृत किया । गौरतलब है कि झाबुआ में गांव की बजाय फलिए में आबादी बस्ती है । पूरा जिला लगभग 4200 फलियों में बसा हुआ है । ऐसा भी नहीं है कि यहां के नागरिक हमेशा पलायन पर रहते हो लेकिन साल के 3 महीने वे पलायन करते हैं । पड़ोसी राज्य गुजरात से आने वाले लेबर कांट्रैक्टर चौराहों पर मजदूरों से सौदा कर उन्हें गुजरात ले जाते हैं । इस बार भी ले गए  लेकिन जिला प्रशासन की दीपावली पर की गई गुहार असर कर गई। इस गुहार को लगातार मुस्तैदी संपर्क बनाए रखा गया। निर्वाचन टीम फलियों तक पहुंची और हर मतदाता के मोबाइल नंबर को लेने के साथ साथ मतदान के दिन तक झाबुआ आने की और वोट देने की गुहार लगाई जाती रही ।
और मुहिम सफल हो गई । महामहिम राष्ट्रपति के हाथों पुरुस्कृत जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सक्सेना के अनुसार झाबुआ जिले के 28 प्रमुख स्थानों पर सेंटर बनाकर मतदाताओं से निरंतर संपर्क और अनुरोध बनाए रखा।मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद आशीष सक्सेना इन दिनों होशंगाबाद जिले में कलेक्टर पदस्थ हैं।

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