लाइसेंस नवीनीकरण फर्जीवाड़े के बाद भी संलिप्त एजेंट ऑफिस में सक्रिय, दूसरे एजेंटों को किया बाहर


देवेन्द्र वैश्य खबर नेशन Khabar Nation
- पुलिस ने जिला परिवहन अधिकारी से की पूछताछ
- फर्जी दस्तावेजों से लाइसेंस नवीनीकरण कराने  17 पर हुई है एफआईआर
- फर्जी लाइसेंस बनवाने वाले एजेंट का हो रहा बचाव
होशंगाबाद। जिला परिवहन विभाग में लाइसेंस नवीनीकरण फर्जीवाड़े में 17 लोगों पर एफआईआर के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। मंगलवार को टीआई ने जिला परिवहन कार्यालय पहुंचकर परिवहन अधिकारी से पूरे मामले की पूछताछ की। कई दस्तावेजों को कब्जे में भी लिया। इधर विभाग ने फर्जीवाड़े में कुछ एजेंटों की संलिप्ता के कारण दूसरे एजेंटों को ऑफिस में प्रवेश नहीं करने दिया। कई एजेंटों को ऑफिस के बाहर ही काम करने की हिदायत दी गई। लेकिन पूरे मामले में संलिप्त और संदिग्ध एजेंट योगेश शर्मा दिनभर ऑफिस में पहले की तरह सक्रिय रूप से बैठकर काम करता रहा। एजेंट पर विभाग की मेहरबानी बनी रही। किसी भी कर्मचारी ने एजेंट योगेश शर्मा को ऑफिस के अंदर आने से नहीं रोका। संबंधित एजेंट लोगों को खुद के पास से लाइसेंस जारी करता रहा और दूसरे काम भी करता रहा। फर्जीवाड़े में संदिग्ध एजेंट की ऑफिस में सक्रियता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि नवीनीकरण शाखा के कर्मचारी राहुल शर्मा के सहायक के रूप में एजेंट योगेश कई सालों से काम कर रहा है। इसी के माध्यम से ही एजेंट गुड्डू रघुवंशी ने लाइसेंस बनवाने का काम कराया था। इतना बड़ा मामला सामने आने के बाद भी विभाग की कृपा दृष्टि दोनों एजेंटों और कर्मचारी पर बनी हुई है। गड़बड़ी करने में शामिल 16 और सभी के फर्जी कागज देने वाले भोपाल निवासी अशफाक पर विभाग ने एफआईआर कराई है। लेकिन फर्जी कागज से लाइसेंस नवीनीकरण कराने वाले एजेंट गुड्डू रघुवंशी, एजेंट योगेश शर्मा और कर्मचारी राहुल शर्मा को बचा लिया गया है। इस मामले में एक लाइसेंस बनवाने में 10 से 15000 रुपए लिए जाने की बात सामने आई है। इससे कहीं ना कहीं स्पष्ट है कि पैसों का लेन देन नीचे से ऊपर तक हुआ है। इसी कारण दोनों एजेंटों और कर्मचारी को बचाया जा रहा है। 

जांच में कई एजेंसियां सक्रिय
कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर लाइसेंस नवीनीकरण कराने पर 17 लोगों पर धारा 420 की एफआईआर चार दिन पहले दर्ज हुई है। एक ही कोम के इतने सारे लोगों का लाइसेंस नवीनीकरण उनके ग्रह स्थान पर छोड़कर होशंगाबाद में किया जा रहा था। इस षड्यंत्र और संदिग्ध मामले में पुलिस, आईबी सहित दूसरी जांच एजेंसियां भी सक्रिय रूप से अपनी जांच करने में लग गई है।

एजेंटों पर लगाई थी रोक
- लाइसेंस नवीनीकरण गड़बड़ी मामले में पुलिस ने पूछताछ की है। ऑफिस के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जानी है। जांच होने तक एजेंटों के ऑफिस में आकर काम करने पर रोक लगाई गई है। यदि इस मामले में कोई संदिग्ध एजेंट ऑफिस में आता है तो उस पर कार्रवाई कराई जाएगी। 
- मनोज तेंगुरिया, जिला परिवहन अधिकारी होशंगाबाद

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