नालायक कहा नहीं तो नालायक कौन ?

कमलनाथ ने शिवराज का नाम लेकर कभी नालायक नहीं कहा लेकिन पता नहीं क्यों शिवराज , कमलनाथ जी के हवाले से बार- बार ख़ुद को नालायक बता रहे है : नरेन्द्र सलूजा
खबर नेशन / Khabar Nation

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी  अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आज जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज को लेकर अपने संबोधन में कभी भी नालायक शब्द का उपयोग नहीं किया लेकिन पता नहीं क्यों शिवराज बार-बार  कमलनाथ के हवाले से खुद को नालायक बताने पर तुले हुए हैं ?
सलूजा ने बताया कि पूर्व में भी कमलनाथ ने भोपाल में एक पत्रकार वार्ता में कहा था कि “कुछ मित्र लायक होते हैं -कुछ नालायक “ उसमें भी उन्होंने शिवराज का नाम नहीं लिया था लेकिन शिवराज कई दिनों तक बार-बार यह दोहराते रहे कि मुझे कमलनाथ ने नालायक बताया।
आज भी ग्वालियर में पत्रकार वार्ता में  पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि  हमने  26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया ।53 लाख किसानों के  कर्ज माफी के आवेदन आए थे ,उसको लेकर पूरी प्रक्रिया का पालन करना पड़ा क्योंकि कई किसानों के चार-चार खाते थे ।हमने फसल ऋण माफी की घोषणा की थी लेकिन कईयों ने मकान-ट्रैक्टर व अन्य लोन ले रखे थे , जिसके कारण वह पात्र नहीं थे।
अब यदि कोई 26 लाख किसानों की हमारी कर्ज माफी पर सवाल उठाए या कहे कि 53 लाख किसानो के ऋण माफ़ी के आवेदन की प्रक्रिया को 10 दिन में पूरा करो तो वह नालायक वाली ही बात होगी , मतलब वह अक़्लमंदी वाली बात नहीं होगी।
लेकिन पता नहीं क्यों उनके बयान को  तोड़ मोड़ कर शिवराज द्वारा  गलत संदर्भ में उपयोग किया जा रहा है ?

सलूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी शिवराज झूठ बोल रहे हैं।वह कह रहे है कि हमने फसल बीमा की राशि जमा की तो वह सच्चाई जान लें कि कमलनाथ सरकार ने अपने अंश की 509 करोड रुपए की राशि तत्काल जमा करवा दी थी।शिवराज सरकार ने जो 2200 करोड़ की राशि जमा की है ,वह उनकी सरकार की ही बकाया राशि थी और प्रदेश के किसानों को जो प्रधानमंत्री फसल योजना का आज लाभ मिल रहा है ,वह भी कमलनाथ सरकार द्वारा अपने अंश की जमा करायी गयी राशि के कारण ही मिल रहा है।
यह ज़रूर सच है कि शिवराज सरकार की पुनर्वापसी के बाद प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का दौर शुरू हो चुका है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसानों की आत्महत्या की खबरे रोज़ सामने आ रही है।

Share:


Related Articles


Leave a Comment