थैली और भैंस के दूध के उपयोग के कारण ही हो रही गाय की दुर्गति:कान्हाजी


बालाजी मंदिर परिसर में चल रही श्री राम कथा
अर्पित उपाध्याय/खबर नेशन/Khabar Nation
विदिशा। यमराज का वाहन भैंस तो भैंस का दूध पीकर सिर्फ चर्बी और बीमारी ही बढ़ रही है। जर्सी गाय और थैली के दूध से भी शरीर को नुकसान होते हैं। अगर स्वस्थ शरीर और बुद्धि चाहिए तो देशी गाय का दूध, घी का ही उपयोग करें तो वहीं पूजा पाठ में भी देसी गाय के दूध के उत्पादों का महत्व है। इसलिए सभी  गोव्रती बनें, यह बात सोमवार को श्रीराम कथा के दौरान पंडित प्रवीण शर्मा कान्हा ने कही। किलेअंदर वेंकटेश बालाजी मंदिर परिसर में चल रही श्रीराम कथा  के चौथे दिन सीता राम विवाह  का प्रसंग चित्रण हुआ। कथा वक्ता ने कहा कि गायों को पीड़ा के जिम्मेदार हम सभी हैं। थैली और भैंस के दूध के उपयोग के कारण ही गाय की दुर्गति हो रही है। कथा के दौरान व्यास गादी पर बैठे कान्हा जी का सम्मान जिला कांग्रेस  अध्यक्ष कमल सिलाकारी द्वारा किया गया। इस दौरान मुख्य यजमान विजय दीक्षित, पंडित रवि चतुर्वेदी, पंडित ब्रजेश चतुर्वेदी, पंडित कुलदीप शर्मा, पंडित सतीश व्यास सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

 

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