नरसिंहपुर में जन सुनवाई में वृद्ध की सुनने के बजाए जेल भेजने की घटना

खबरनेशन/Khabarnation 

कलेक्टर को तत्काल हटाया जाए
मानव अधिकारों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्यवाही हो
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मानव अधिकार आयोग एवं मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

भोपाल,  नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्य मानव अधिकार आयोग एवं मुख्यमंत्री से नरसिंहपुर कलेक्टर को मानव अधिकारों का उल्लंघन करने और अधिकारों का दुरूपयोग कर सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों की धज्जियां उड़ाने पर तत्काल पद से हटाने की मांग की है।

          नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने नरसिंहपुर में 61 वर्षीय वृद्ध प्रमोद पुरोहित को अपने गांव में सड़क बनाने का आग्रह करने के दौरान कलेक्टर द्वारा जेल भेज देने पर राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र गुप्ता एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। सिंह ने पत्र में लिखा है कि यह घटना बेहद गंभीर है। मानव अधिकारों के उल्लंघन का अपराध है और वह भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी द्वारा। इस पर कड़ी कार्यवाही होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने अपने पत्र में वर्ष 2015 में राजस्थान के अजमेर में एक वृद्ध सूर्यनारायण गर्ग के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा अजमेर कलेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच और दस हजार का जुर्माना लगाने का उदाहरण दिया। इस प्रकरण में कलेक्टर ने श्री गर्ग को डांटकर भगा दिया था और उसका आवेदन फेंक दिया था। श्री सिंह ने कहा कि नरसिंहपुर कलेक्टर का प्रकरण तो इससे भी अधिक गंभीर है। इसमें एक वृद्ध को अकारण 4 दिन जेल में कैद रखा गया जो आपत्तिजनक है और कलेक्टर द्वारा अपने अधिकारों का खुला दुरूपयोग है।

         सिंह ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि ऐसा ही एक प्रकरण अक्टूबर 2015 में भिंड में एक ग्रामीण महिला के साथ कलेक्टर द्वारा दुव्र्यवहार करने का हुआ था। तब आपने कलेक्टर को तत्काल हटाया था। यहां तो मामला एक वृद्ध को जेल भेजने का है जो अक्षम्य है।

          सिंह ने राज्य मानव अधिकार आयोग से इस प्रकरण को संज्ञान को लेकर जांच कर कलेक्टर पर सख्त कार्यवाही करने और मुख्यमंत्री से तत्काल कलेक्टर को हटाने की मांग की है।

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