अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस

खबर नेशन / Khabar Nation

‘‘दिव्यांगजनों के मानव अधिकार’’ पर कार्यक्रम 10 दिसम्बर को प्रशासन अकादमी में

प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। मप्र मानव अधिकार आयोग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर हर साल जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसी अनुक्रम में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा 10 दिसम्बर 2022 को सुबह 11ः30 बजे से आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल के लघु सभागार (ऑडिटोरियम) में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का केन्द्रीय विषय ‘‘दिव्यांगजनों के मानव अधिकार’’ रखा गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जन सामान्य, फील्ड अधिकारियों, स्वयं सेवी संगठनों व विधि विद्यार्थियों को दिव्यांगजनों को प्राप्त सभी अधिकारों के बारे में जानकारी देना और दिव्यांगजनों के अधिकारों के हनन को रोकने की दिशा में सक्रिय होने के लिये संवेदनशील बनाना है। कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथिगण, न्यायमूर्तिगण, न्यायाधीशगण, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग व राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारीगण, दिव्यांगजनों के संरक्षण के लिए कार्यरत् शासकीय व गैर शासकीय संगठनों/संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित भोपाल शहर व जिले के दिव्यांगजन भी प्रतिभागी के रूप में उपस्थित रहेंगें।

दो मामलों में संज्ञान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने दो मामलों में संज्ञान लिया है। आयोग के माननीय कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने संज्ञान लेकर संबंधित विभागाधिकारियों से समय-सीमा में जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शोभापुर में वर्षों से चली आ रही अनियमितता और लापरवाही से ग्रामीणों एवं सभी क्षेत्रवासियों को अपना उपचार कराने में हो रही भारी परेशानी के संबंध में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार समय पर इलाज व एम्बुलेंस नहीं मिलने से एक युवक की मौत हो गई। यह युवक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। उसे परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शोभापुर लेकर आये थे, पर यहां डाॅक्टर्स नदारद मिले। अस्पताल परिसर में खड़ी जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने गंभीर रूप से घायल युवक को सोहागपुर ले जाने से मना कर दिया। इस पर एसडीओपी व पुलिस द्वारा डायल 100 से युवक को सोहागपुर भिजवाया गया। डाॅक्टर्स ने उसे सोहागपुर से नर्मदापुरम रिफर कर दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश अस्पताल पहुंचने से पहले ही युवक की मौत हो गई। इससे गुस्साये ग्रामीणजन अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध लामबंद हो गये। मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नर्मदापुरम से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने रतलाम जिले के एक आदिवासी कन्या छात्रावास में रहकर नौंवी कक्षा में पढ़ रही चौदह वर्षीय बालिका की छात्रावास के चौथे माले से गिरकर मृत्यु हो जाने के एक संदिग्ध मामले में संज्ञान लिया है। मृत बालिका के पिता ने शव का पैनल पोस्टमार्टम और घटना की गहनता से जांच कराने की मांग की है। बालिका के पिता का कहना है कि उन्होंने अपनी पुत्री के शरीर, हाथ व पैरों में चोटों के कुछ निशान देखे हैं। उन्होंने छात्रावास प्रबंधन पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाते हुए उनकी पुत्री के साथ कोई अनहोनी होने का भी अंदेशा जताया है। कलेक्टर रतलाम ने छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित कर दिया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर रतलाम से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

 

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