जरूरतमंद लोगों की सेवा ही सच्चे अर्थों में नारायण सेवा : विष्णुदत्त शर्मा

Uncategorized May 12, 2020

प्रदेश अध्यक्ष ने पुजारियों एवं पुरोहितों को राशन सामग्री वितरित की

भोपाल। समाज सेवा ही मनुष्य की सबसे बड़ी साधना है। संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाना नितांत जरूरी है। लॉक डाउन के इस कठिन समय में समाज के किसी भी वर्ग का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए इस बात की सरकार चिंता कर रही है। इसके साथ ही सामाजिक संस्थाएं भी सामाजिक बंधुओं की चिंता करते हुए सेवा कार्य कर रही है, यही सही मायनों में नारायण सेवा है। समाज के हर सक्षम और सम्पन व्यक्ति को इसी तरह सेवा के इस महायज्ञ को आगे बढ़ाना है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने मंगलवार को ईदगाह हिल्स कम्युनिटी हॉल में परशुराम फाउंडेशन द्वारा पुजारियों एवं पुरोहितों को को राशन सामग्री वितरित करते हुए कही।  परशुराम फाउंडेशन ने मंगलवार को ईदगाह हिल्स कम्यूनिटी हाल में मंदिरों के पुजारियों एवं पुरोहितों को राशन सामग्री एवं भोजन पैकेट का  वितरण किया। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा, परशुराम फाउंडेशन के संरक्षक वरिष्ठ नेता श्री आलोक शर्मा, पूर्व विधायक श्री रमेश शर्मा गुट्टू भैया, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री सुमित पचौरी ने ब्राहम्णों को राशन सामग्री का वितरित की। ब्राहम्णों ने इस अवसर पर स्वस्तिवाचन किया। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी से हर क्षेत्र और हर वर्ग पर व्यापक प्रभाव हुआ है। ऐसे विकट समय में केन्द्र और राज्य सरकार राहत कार्य और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समाज के जरूरतमंद लोगों की सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग को हमें मिलकर लडना है। शासन के प्रयासों में हम भागीदार बनकर आमजन को सुविधा देना ही हमारा मानव धर्म है। इस विपरीत समय में पुजारियों और पुरोहित जिनकी आजीविका पांडित्य कर्म पर ही निर्भर है उनके लिए परशुराम फाउंडेंशन ने ऐसे विप्र जनों की चिंता कर उन्हें राशन सामग्री और भोजन सामग्री देने का काम किया है। वह निश्चित तौर पर सराहनीय है। फाउंडेशन के संरक्षक एवं पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा ने कहा कि संकटकाल में समाज के पिछडे हुए और जरूरतमंद व्यक्तियों को किसी भी प्रकार का अभाव न हो और वे जीवनयापन कर सके इस बात की फिक्र करना ही सामाजिक लोक व्यवहार है। हम एक दूसरे के सहयोगी बनें और आगे बढे यही भाव समाज को जोडता है। परशुराम फाउंडेंशन ने पूजा पाठ और कर्मकांड कर आजीविका चलाने वाले पुजारी और पुरोहितों को खाद्यान्न सामग्री का वितरण करने का बीडा उठाया है। इसी तरह समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए हर सक्षम व्यक्ति को आगे आना चाहिए।  

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