कांग्रेस सरकार आने पर लघुवनोपज का उचित मूल्य दिया जायेगा: कमलनाथ

एक विचार May 23, 2023

जंगल में रहने वाले वनवासी पर्यावरण के ही रक्षक
नहीं, समाज के रक्षक भी है: कमलनाथ

भाजपा सरकार में आदिवासी एवं वनवासी भाईयों पर
अत्याचार हो रहे हैं, उनके अधिकार छीने जा रहे हैं: कमलनाथ


कांग्रेस शासनकाल में गठित वन प्रबंध समितियों को वैधानिक अधिकार देते हुए वन सुरक्षा राशि प्रदान की जाये: डॉ. एस.पी. एस. तिवारी
   
 
खबर नेशन / Khabar Nation  


भोपाल, आदिवासी, वनवासी भाईयों को लघुवनोपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस सरकार आने पर इस वर्ग का पूरा ध्यान रखा जायेगा। वर्तमान में लघुवनोपज जैसे महुआ, हर्रा, आंवला, बहेरा, तेंदूपत्ता एवं चिरोंजी आदि के ओलापाला या अतिवृष्टि से हानि होने पर हितग्राहियों को सरकार ने कोई मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस की सरकार बनने पर आरबीसी में उपरोक्त प्रावधान किया जायेगा। तेदूंपत्ता की जो संग्रहण राशि भाजपा सरकार दे रही है वह बहुत कम है, उसे बढ़ाकर 4000 रूपये किया जायेगा। वर्तमान में रसायनविहीन दवाईयांे का प्रचलन बढ़ा है, जिससे वनोपज से तैयार होने वाली जड़ी बूटियों से तैयार होने वाली दवाईयों का उपयोग बढ़ेगा और उससे वनों में रहने वाले लोगों का महत्व बढ़ेगा। पर्यावरण को बचाना बहुत बड़ी चिंता का विषय है। उद्योगपतियों द्वारा सोलर से हम उर्जा का निर्माण तो किया जा सकता है, लेकिन उसका स्टोरेज कैसे करेंगे, यह संभव नहीं। साथ ही कहा कि हाईड्रल पॉवर के लिए बांधों का निर्माण तो किया जा सकता है, लेकिन डूब में आने वाली किसानों की जमीन की भरपाई कैसे होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित मप्र कांग्रेस वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह बातें कहीं।
श्री कमलनाथ ने कहा कि वर्ष 1991 में भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री रहते हुये ब्राजील के रियोडीजिनरो शहर में विश्व का पहली बार पर्यावरण को बचाने के लिए पृथ्वी सम्मेलन हुआ था, जिसमें 180 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए संगोष्ठी हुई। अमेरिका को चेतावनी दी थी कि सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जन वाले देश तो आप ही हैं, आप विकासशील देशों को कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए भरपाई के रूप में राशि उपलब्ध करायें और अग्रणी भूमिका निभाते हुये भारत का पक्ष रखकर पर्यावरण को बचाने के लिए अभिनव पहल की।
श्री कमलनाथ ने कहा कि हमें सयमित रूप से उर्जा का उपयोग करना चाहिए। हमारी बायोडायवर्सिटी कैसी बनी रहे, वनों में रहने वालांे की रक्षा कैसे हो इस बात को भी हमें ध्यान रखना है। आप सभी यहां कोई पुरूष्कार, ठेका या कमीशन लेने नहीं आये, कांग्रेस के लिए, पर्यावरण के लिए आपकी निष्ठा आपको यहां खींचकर लायी है। पांच महीने चुनाव के बचे हैं आप सभी को निष्ठा के साथ काम करना है, और कोई ताकत आपको नहीं रोक सकती, विधानसभा में कांग्रेस का पचरम लहरायेगा।  
आप सभी केवल वन पर्यावरण प्रकोष्ठ के सदस्य नहीं हैं, आप समाज के साथ जुड़े हुये हैं, इसलिए आपको पर्यावरण के साथ, महिलाओं के लिए शुरू की गई नारी सम्मान योजना पर भी काम करना है। भाजपा की गुमराह करने की योजना से सावधान रहे। आप पर्यावरण के रक्षक तो हैं ही आपको प्रदेश के भविष्य का रक्षक बनकर प्रदेश के भविष्य को बचाना है। आने वाली पीढ़ी के भविष्य की रक्षा करना है।
मप्र कांग्रेस वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. एस.पी. एस. तिवारी (सेवानिवृत्त आईएफएस) ने सम्मेलन के दौरान 10 बिंदुओं का एक ज्ञापन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी को सौंपा जिसमें पर्यावरण को बचाने, वन विभाग में कार्यरत वन रक्षक से लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी के हितों की रक्षा और उनकी विभिन्न मांगों की पूरा करने की मांग की गई। श्री कमलनाथ ने उनकी इन मांगों को कांग्रेस सरकार बनने पर पूरा किया जाने का आश्वासन दिया। श्री तिवारी ने प्रमुख रूप से मप्र में कांग्रेस शासनकाल में गठित 15608 वन प्रबंधन समितियों को वैद्यानिक अधिकार देने एवं वन सुरक्षा राशि प्रदान करने की मांग रखी।
मप्र विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि कमलनाथ जी ने देश में वन मंत्री रहते हुये प्रदेश के विकास और वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में काफी सराहनीय कार्य किये। मुख्यमंत्री रहते हुये पर्यावरण बचाने, वनवासी, आदिवासी भाईयों के लिए हितग्राही योजनाएं शुरू की थी।  
सम्मेलन के दौरान अशोक कुमार बंसल, श्रीमती प्रीति ठाकुर कुलस्ते, नीतू भालेकर और संतोष उईके ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कमलनाथ जी ने कांग्रेस पार्टी का दुपट्पा पहनाकर इन सभी का पार्टी में स्वागत किया तथा उन्हें नियुक्ति पत्र भी सौंपे।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह, उपाध्यक्ष एवं समस्त प्रकोष्ठों के प्रभारी जे.पी. धनोपिया, गुरमीत सिंह मंगू, जे.पी. शर्मा, ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू, बालमुकुंद सिंह परिहार, रविन्द्र सिंह कुशवाहा, वासुदेव सिंह कुठिया, सम्मन सिंह सैयाम, हितेश निरापुरे, पवन दुबे, अनिल वर्मा, सुषमा शुक्ला, कोमल धुर्वे, नन्हें लाल, नरेन्द्र पाठक, यमुना प्रसाद तिवारी, विवेकानंद त्रिपाठी, सज्जनसिंह तिवारी, देवमसिंह तिवारी सहित बड़ी संख्या में प्रकोष्ठ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष एडवोकेट आशिफ इकवाल ने किया।


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