कैसे होगा इंदौर का विकास ?? क्या हो विकास का “इन्दौरी मॉडल”? - सज्जन सिंह वर्मा

एक विचार Aug 17, 2022

खबर नेशन / Khabar Nation

इंदौर: मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इंदौर के विकास को लेकर अपने कई सुझाव साझा किये,वर्मा ने कहा कि इंदौर को सपनों का शहर बताने वाले मुख्यमंत्री शिवराज के पास इंदौर के विकास को लेकर कोई विज़न नहीं है| इतने सालों बाद भी इंदौर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है| श्री वर्मा ने इंदौर के विकास के लिए अपने सुझाव दिए:

मास्टर प्लान

इंदौर के विकास के लिए सबसे अहम् योगदान होगा इंदौर के विकास के मास्टर प्लान का, अभी इंदौर के मास्टर प्लान को फाइलों में बंद कर रख दिया है, कांग्रेस की सरकार ने एक वृहद मास्टर प्लान बनाया था जिसे भाजपा सरकार ने आते ही फाइल बंद कर दी| यदि प्लान नहीं होगा तो काम कैसे होगा? भाजपा सरकार के कर्ताधर्ता और नेता इंदौर की जमीनों को हड़पना चाहते है इसीलिए यहाँ मास्टर प्लान को लागु नहीं किया जा रहा| अनियोजित विकास किया जाता है, आज सड़क बनती है कल खोदना पड़ती है| कोई प्लानिंग ही नहीं है| BRTS को पहली प्राथमिकता से हटाना शहर वासियों के लिए अत्यंत जरुरी है|

लॉजिस्टिक कैपिटल ऑफ़ इंडिया

इंदौर को देश का लॉजिस्टिक कैपिटल बनाया जा सकता है, भोगोलिक दृष्टि से इंदौर देश के मध्य में स्थित है, पूर्व से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण जाने के लिए इंदौर मध्य में पढता है| इंदौर को लॉजिस्टिक कैपिटल के रूप में विकसित करने से देश में सामानों के भण्डारण और ट्रांसपोर्टेशन बहुत ही आसानी से किया जा सकता है, अनेकों राज्यों से चारो और से घिरे होने से यह देश में सबसे उपयुक्त शहर है| लॉजिस्टिक कैपिटल बनने से इंदौर में अनेकों कंपनी अपने माल के भण्डारण और ट्रांसपोर्टेशन के लिए निवेश करेगी जिससे यहाँ विकास के साथ ही नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे|

ट्रेफिक में No.1

इंदौर के विकास के लिए प्रशासन के साथ साथ हर इंदौरवासी को भी यातायात की सुगमता तथा बेहतर ट्रेफिक के परिपालन के लिए कमर कसनी होगी तभी शहर आगे बढेगा, जिस शहर को 10 मिनट में कहीं पहुचना हो वह आधे घंटे तो ट्रेफिक में ही रेंगता रहता है ऐसे में हम कैसे आगे बढेंगे| ट्रेफिक मैनेजमेंट के लिए स्टाफ की कमी एक बड़ा कारण है, पर्याप्त संख्या में हमें बल चाहिए जो व्यवस्था संभाल सके| जनता से वसूली करने से ज्यादा ध्यान ट्रेफिक के नियंत्रण में लगाए, ऐसे अधिकारी भी हमें चाहिए| LIG से नवलखा तक एलिवेटेड कॉरिडोर जिसे कांग्रेस की सरकार में हमने मंजूर किया था तथा जिसके टेंडर भी हो चुके है, इस ब्रिज का काम भाजपा सरकार ने रोक दिया जो इंदौर के ट्रेफिक प्रबंधन के लिए जरुरी महत्वपूर्ण योजना है| इस एलिवेटेड कॉरिडोर को जल्द बनाया जाना चाहिए|

स्टार्टअप हब ऑफ़ इंडिया

इंदौर को देश के “स्टार्टअप हब” के रूप में भी विकसित किया जा सकता है, जिस तरह से इंदौर शिक्षा का केंद्र है और आईआईटी और आईआईएम जैसे दोनों संस्थान वाला देश का एकमात्र शहर है, साथ ही सेकड़ों इंजीनियरिंग तथा मैनेजमेंट कॉलेज होने से लाखों स्किल्ड युवा इंदौर से निकल रहे है जो देशभर में बड़ी बड़ी कंपनियों में अपनी सेवाएँ देते है| प्रधानमंत्री जी ने भी इस बार स्वतंत्रता दिवस पर जय जवान, जय किसान के साथ साथ जय अनुसन्धान का नारा दिया, इंदौर के युवाओं में अनुसन्धान की क्षमता है, वह अनेकों नए स्टार्टअप के माध्यम से शहर के विकास को गति दे सकते है, यदि सरकार यहाँ स्टार्टअप हब बनाने का प्रयास करे तो यह निश्चित ही देश में सबसे अग्रशील शहर होगा|

इन्वेस्टमेंट इजी झोन

इंदौर में निवेश के लिए असीम संभावनाएं है, देशभर के हजारों निवेशक इंदौर में इन्वेस्ट करना चाहते है लेकिन अनेकों तरह की सरकारी प्रक्रिया और अलग अलग विभागों से स्वीकृति प्राप्त करने में ही महीनों निकल जाते है| हमें इंदौर को इन्वेस्टमेंट झोन के रूप में पेश करना होगा, सिंगल विंडो पालिसी बनाना होगी जहाँ निवेशकों को एक ही छत के निचे हर तरह की स्वीकृति 7 दिनों के भीतर ही मिल सके|साथ ही इंदौर में निवेश करने पर विशेष स्टेटस भी निवेशकों को दिया जाए| जब निवेश बढ़ेगा तब स्वतः ही हजारों नए रोजगार सृजित होंगे और शहर का चहुंमुखी विकास हो सकेगा|

एग्री हब

इंदौर में कृषि क्षेत्र के लिए भी असीम संभावनाएं है, इंदौर जिले में अनेकों फसलें जिनमे गेंहू, सोयाबीन तथा धनिया आदि का उत्पादन बड़ी मात्र में होता है, साथ ही अनेकों सब्जियां तथा फल भी इंदौर में बड़ी मात्र में उत्पादित किये जाते है| इंदौर की इन फसलों तथा अन्य खाद्दान को राष्ट्रिय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रमोट किया जा सकता है जिससे यहाँ के किसानों की आय बढ़ेगी|एग्री हब बनने से इंदौर के किसान संपन्न होंगे जिसका सीधा असर हमारे बाज़ारों पर पड़ेगा और शहर के व्यापारी को और व्यापर मिलेगा जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी|

भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस

इंदौर के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है कि शहर को भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस बनाया जाये, इंदौर में होने वाले 100% विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, नगर निगम, विकास प्राधिकरण जैसे निगमों में भाई भतीजावाद प्रणाली पिछले 20 सालों में खूब पनपी| हर छोटे बड़े ठेके भ्रष्टाचार करने के लिए दिए जा रहे है| इसीलिए आज भी शहर अनेकों मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है|सीवरेज, सड़क तथा जल भराव जैसी अनेकों समस्याएँ आज भी वैसी की वैसी है| यदि हमें शहर को आगे बढ़ाना है तो भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ना होगा और इंदौर को भ्रष्टाचार मुक्त शहर बनाना होगा|

 

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