अकल्पनीय बदलाव के साथ मध्यप्रदेश निरन्तर विकास की ओर अग्रसर

फ्रेंडस ऑफ एम.पी. कान्क्लेव में 10 वर्षों में प्रदेश के विकास पर मुख्य सचिव सिंह ने डाली रोशनी 
 

भोपाल। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि 2004 से अब तक मध्यप्रदेश ने अकल्पनीय रूप से उन्नति करते हुए स्वयं को न केवल बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकाला है, बल्कि विकास की ओर अग्रसर राज्यों में अपने को सबसे आगे रखा है। उन्होंने फ्रेंड्स ऑफ एमपी कॉन्क्लेव के इंदौर में विधिवत शुभारंभ पर मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान, उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ की उपस्थिति में अपने प्रजेन्टेशन में विभिन्न क्षेत्रों में की गई प्रगति एवं उन्नति पर बिन्दुवार जानकारी से विभिन्न देशों से आये हुए अतिथियों को अवगत कराया। मुख्य सचिव सिंह ने बताया कि प्रदेश ने 40 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता में वृद्धि की है। एक लाख 60 हजार किमी. की बेहतरीन सड़कें हैं। 18 हजार मेगावाट की बिजली बनाकर 24 घंटे घरों को बिजली प्रदाय की जा रही है।
 

मुख्य सचिव सिंह ने अपने प्रजेन्टेशन में मध्यप्रदेश की विगत 10 वर्षों की विकास यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। वर्ष 2004 से लेकर अब तक राजस्व सरप्लस रहा है। वित्तीय स्थिरता आयी है। प्रदेश को लगातार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुए हैं। मध्यप्रदेश दाल, सोयाबीन, गेहूँ में सर्वाधिक उत्पादनकर्ता राज्य बना है। चावल के उत्पादन में सौ प्रतिशत की वृद्धि रही है। यह सब संभव हो पाया है क्योंकि प्रदेश ने साढ़े 7 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता को वर्तमान में 40 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया है। माइक्रो इरिगेशन के क्षेत्र में भी 18 लाख हेक्टेयर तक की सिंचाई क्षमता में वृद्धि की गई। पेयजल और सिंचाई क्षमता की वृद्धि के लिये प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रयोग करते हुए सफलतापूर्वक 2014 में नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना को पूरा किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नर्मदा-गंभीर, नर्मदा-कालीसिंध और नर्मदा-पार्वती की लिंक परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
 

10 घंटे बिजली किसानों को और 24 घंटे लोगों को
 

मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में बिजली की कोई समस्या नहीं है। प्रदेश के नागरिकों को एक ओर जहाँ 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है, वहीं दूसरी ओर अन्नदाता किसान को कृषि कार्यों में दिक्कत न हो, इसके लिये नियमित रूप से प्रतिदिन 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। रीवा में विश्व की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री चौहान द्वारा रखी गई है। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जो उत्पादित सौर ऊर्जा को दूसरे राज्यों को भी प्रदान करेगा। सिंह ने बताया कि प्रदेश से सरप्लस सौर ऊर्जा दिल्ली मेट्रो के लिये प्रदाय की जायेगी।
 

बेहतरीन सड़कों पर चलिये, गड्डों को भूल जाइये
 

मुख्य सचिव सिंह ने प्रदेश में विकास के लिये आवश्यक सड़कों के नेटवर्क के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 2016 तक एक लाख 60 हजार किमी. की सड़कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि 7 हजार 806 किमी. के राष्ट्रीय राजमार्ग को फोर लेन सड़कों में तब्दील किया गया है। सात हजार गाँवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। सिंह ने कहा कि आगामी 6 माह में 50 हजार करोड़ की राशि के सड़क निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट प्रक्रियागत होकर प्रारंभ किये जाने हैं। मुख्य सचिव ने अतिथियों को पुराने समय की याद दिलाते हुए कहा कि अब मध्यप्रदेश में न सड़कों में गड्डे हैं न गड्डों में सड़कें हैं, अब सिर्फ सड़कें हैं, वह भी बेहतरीन।
 

ग्रामीण मध्यप्रदेश की तस्वीर और तकदीर भी बदली
 

प्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कानून बनाकर आवास का अधिकार प्रदान किया है। वर्ष 2022 तक सभी को मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पाँच लाख मकानों की स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है। प्रदेश के गाँवों को जहाँ एक ओर सड़कों से जोड़ा गया है, वहीं दूसरी ओर गाँवों में 18 हजार सीमेंट-कांक्रीट की सड़कें निर्मित की गई हैं। अब तक 7 हजार 881 ग्राम पंचायतें स्वच्छ भारत अभियान में खुले में शौच मुक्त घोषित की जा चुकी है। कुल 67 हजार 700 किमी. लम्बाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। कुल 83 प्रतिशत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। अनुसूचित जाति/जनजाति अंचलों के स्कूलों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों के नामांकन में 279 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
 

मुख्य सचिव ने युवाओं के लिये कौशल उन्नयन, नर्मदा नदी के संरक्षण के लिये उठाये गये कदमों, महिलाओं की सुरक्षा के लिये किये जा रहे उपायों, सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिये किये जा रहे कार्यों और जंगलों की सुरक्षा के लिये किये जा रहे उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
 

इस अवसर पर प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा, वी.एल. कान्ताराव, मोहम्मद सुलेमान, अजीत केसरी, हरिरंजन राव, विवेक अग्रवाल, आयुक्त शिक्षा नीरज मण्डलोई, संभागायुक्त इंदौर संजय दुबे, आयुक्त जनसम्पर्क पी. नरहरि, विधायक इंदौर सुदर्शन गुप्ता सहित वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगपति और अप्रवासी भारतीय उपस्थित थे। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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