पीएमएवाय में पक्का मकान मिलते ही हुई कल्याणी सुहागरानी की बेटी की शादी

भोपाल। रोटी, कपड़ा और मकान हर इंसान और परिवार की बुनियादी जरूरत हैं। गरीब आदमी मेहनत-मजदूरी कर रोटी और कपड़े की व्यस्था तो कर लेता हैं, लेकिन उसका मकान का सपना अधूरा ही रह जाता हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीबों का यह सपना भी पूरा होता नजर आ रहा हैं। इस योजना में सभी वर्गों के गरीब और जरूरतमंद लोगों को शामिल किया गया हैं।

सागर जिले की ग्राम पंचायत गुगवारा देवरी की कल्याणी (विधवा) सुहागरानी गौड़ का कच्चा, टूटा-फूटा घर होने के कारण बेटी का रिश्ता होते-होते टूट जाता था। एक दिन सुहागरानी को प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली, तो वह सभी जरूरी कागज लेकर पंचायत में पहुँची। वर्ष 2016-17 में उसे पक्का मकान की स्वीकृति मिली, लगभग 6-7 माह में ही उसका पक्का मकान बनकर तैयार हो गया। कल्याणी सुहागरानी ने अपने पक्के मकान से अपनी बिटिया का रिश्ता एक अच्छे घर में तय किया और शान से शादी की।

डिण्डौरी जिले की जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम बरसिंघा माल के उत्तम सिंह खेती-बाड़ी से बड़ी मुश्किल से परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि पक्का मकान बनवा सकें। उनका पक्के मकान का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरा हुआ। उनको एक लाख 60 हजार रूपये स्वीकृत हुए, तीन किश्तों में राशि मिली। आज उत्तम सिंह पत्नि और दो बच्चों के परिवार के साथ पक्की छत के नीचे आनंद से रहते हैं।

होशंगाबाद जिले में बाबई जनपद के ग्राम बगलोन के बुजुर्ग महेश ने पक्के मकान की कभी कल्पना भी नहीं की थी। कच्ची झोपड़ी में परिवार के साथ रहते थे। ग्राम सचिव ने जब इस योजना में महेश को शामिल किया, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्हें एक लाख 20 हजार रूपये में प्रधानमंत्री आवास बनवा कर दिया।

सिवनी जिले के ग्राम नरेला के मथुरा प्रसाद लघु कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कच्चे मिट्टी के मकान में रहते थे। प्रधानमंत्री आवास योजना में उन्हें पक्का मकान बनाने के लिये डेढ़ लाख रुपये मिले, तो उन्होंने सुंदर पक्का मकान बनवाया। साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन का लाभ लेकर घर के आंगन में 12 हजार रुपये से एक सुव्यवस्थित शौचालय भी बनवाया। प्रधानमंत्री आवास योजना से मथुरा प्रसाद का जीवन-स्तर बढ़ गया हैं।

झाबुआ जिले के राणापुर विकासखण्ड के ग्राम पुलावा के बापू ने प्रधानमंत्री आवास के साथ शौचालय बनवाकर अपने जीवन-स्तर में वृद्धि की हैं। मजदूरी से परिवार का गुजारा चलाने वाले बापू के लिये पक्का मकान, मुंगेरीलाल के हसीन सपनों जैसा था। एक कमरे के मिट्टी के मकान में रहने वाला बापू अब सीमेंट-कांक्रीट की छत वाले पक्के मकान में रहता हैं। इसे मकान में शौचालय निर्माण हो जाने से खुले में शौच जाने की परेशानी से भी निजात मिल गई हैं। अब गरीब ग्रामीण बापू को न तो छत टपकने का डर हैं, न मौसम बदलने का और न ही जहरीले जानवर के काटने का डर हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)

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